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Dairy Farming: इन दो वजहों से डेयरी फार्मिंग के बिजनेस में आप हो सकते हैं फेल, पढ़ें यहां

Animal Husbandry: Farmers will be able to buy vaccines made from the semen of M-29 buffalo clone, buffalo will give 29 liters of milk at one go.
प्रतीकात्मक फोटो. Live stockanimal news

नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग का आप बिजनेस करते हैं तो इससे अच्छी इनकम हासिल कर सकते हैं. बहुत से किसान भाई पशुओं को पालकर उनसे हासिल होने वाले दूध से लाखों रुपए महीना कमा रहे हैं. जिसके चलते उनके पास इनकम का एक और जरिया भी बन गया है. वहीं आर्थिक रूप से कमजोर कई किसान भाई सरकारी मदद लेकर भी डेयरी फार्मिंग का बिजनेस कर रहे हैं और इससे उन्हें मुनाफा हो रहा है. हालांकि जिस तरह से सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह डेयरी फार्मिंग के काम में लोगों को फायदा और नुकसान दोनों होता है.

एक्सपर्ट का कहना है की डेयरी फार्मिंग का काम ऐसा है ही नहीं, जिसमें नुकसान हो. इसमें कई बार कुछ गलतियां पशुपालक भाइयों से हो जाती है. जिसके चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. उन्हीं में दो गलतियों के बारे में यहां हम आपको बताने जा रहे हैं तो इस आर्टिकल को पूरा और गौर से पढ़ें कि कैसे डेयरी फार्मिंग के काम में नुकसान होता है.

पशुओं पर ज्यादा करें फोकस, इसपर नहीं
एक्सपर्ट कहते हैं कि डेयरी फार्मिंग में नुकसान का सबसे पहला और सबसे बड़ा कारण यह है कि अक्सर पशुपालक भाई जब इस काम को शुरू करते हैं तो शेड में ज्यादा पैसा लगा देते हैं. शेड को बहुत ज्यादा मजबूत और टेक्निकल बनाने की कोशिश करते हैं. कई मशीनरी खरीद लेते हैं वैसे तो यह काम सही है लेकिन अगर आपके पास पशुओं की संख्या कम है तो इन चीजों का बहुत मतलब नहीं निकलता है. जबकि शुरू में आपको पशुओं की अच्छी नस्ल पर जोर देना चाहिए. साथ ही पशुओं की संख्या भी बढ़ानी चाहिए. मान लीजिए आपका बजट 10 लाख रुपए का है तो उसमें अगर आप 6 से 7 लाख रुपए शेड पर खर्च कर देते हैं जबकि पशुओं पर सिर्फ 3 लाख रुपए खर्च करते हैं तो 10 लाख रुपए के इन्वेस्टमेंट का रिटर्न कभी भी नहीं मिलेगा. इसलिए डेयरी फार्म के काम में पशुपालक फेल हो जाते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि इनकम शेड से नहीं बल्कि पशुओं से होती है.

पूरे साल के लिए स्टोर कर लें सूखा चारा
इसका एक दूसरा कारण भी है. असल में पशुपालक भाई समय से सूखा चारा हरा चारा की व्यवस्था नहीं करते हैं. इससे पशुपालन की लागत बढ़ जाती है. बता दें कि सूखा चारा आफ सीजन में महंगा मिलता है और यली वजह है कि सीजन के टाइम में स्टोर न करने से पशुपालन की लागत बढ़ जाती है. सूखे चारे के तौर पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला गेहूं का भूसा सीजन में 4 से 5 रुपए किलो में आसानी से उपलब्ध हो जाता है. जबकि सूखा चारा आफ सीजन में खरीदते हैं तो यह आपको 15 से 20 रुपए किलो में पड़ता है. जिससे पशु पालन की लागत ज्यादा आती है. इससे डेयरी फार्मिंग के काम में आप फेल हो जाते हैं. इसलिए जब सूखे चारे का सीजन हो तो पूरे साल के लिए सूखे चारे को स्टोर कर लेना चाहिए.

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लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

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