Home पशुपालन Lumpy Disease: लंपी से बचाव के लिए इस राज्य ने कर ली है तैयारी, जानें इस बारे में मंत्री ने क्या कहा
पशुपालन

Lumpy Disease: लंपी से बचाव के लिए इस राज्य ने कर ली है तैयारी, जानें इस बारे में मंत्री ने क्या कहा

गोवंश के गोबर से संरक्षण केंद्र में बड़ा प्लांट संचालित होता है, जिससे जनरेटर के माध्यम से बिजली बनाई जाती है.
गोशाला में बैठी गाय.

नई दिल्ली. पशुपालन, गोपालन और देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा है कि लंपी रोग के बारे में किसी भी तरह से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. सरकार लंपी रोग के प्रति पूरी तरह सतर्क है और इसकी रोकथाम के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रही है. पशुपालकों को इस बीमारी से भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं है, विभाग अपना काम पूरी मुस्तैदी से कर रहा है और जहां भी कुछ ऐसे केस मिल रहे हैं वहां तुरंत सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. हालांकि इस वर्ष अन्य राज्यों से सटे सीमावर्ती जिलों में लंपी के कुछ छिटपुट केस देखने में आ रहे हैं.

उन्होंने कहा इन सीमावर्ती जिलों में त्वरित कार्यवाही के लिए आरआरटी का गठन कर दिया गया है. विभाग में दवाएं भी उपलब्ध हैं. रोगी गौवंश को अविलम्ब आइसोलेशन कर समुचित उपचार की व्यवस्था विभाग द्वारा सुनिश्चित कर ली गई है. वर्तमान में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.

क्या कदम उठाए जा रहे हैं
उन्होंने कहा कि रोग को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं जिनमें से टीकाकरण और जागरूकता अभियान मुख्य हैं.

टीकाकरण इस रोग से बचाव का एक प्रमुख हथियार है इसलिए राज्य सरकार ने पशुओं के टीकाकरण पर जोर दिया जिससे रोग के प्रसार को समय रहते रोका जा सके.

वर्ष 2025-26 में 1 करोड़ 11 लाख 57 हजार गौवंशीय पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा और दो महीने में लक्ष्य के विरूद्ध 1 करोड़ 8 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है.

इसके अलावा सरकार ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाकर पशुपालकों को लंपी रोग के बारे में जानकारी भी उपलब्ध करा रही है.

वर्तमान में चल रहे ग्रामीण सेवा शिविर में भी लोगों को लंपी रोग के लक्षण, बचाव और उपचार के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

पशुपालन मंत्री ने कहा कि लंपी रोग पशुओं का एक संक्रामक रोग है. इससे मुख्य रूप से गौवंश प्रभावित होते हैं और पशुपालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है.

प्रदेश दो साल पहले इस रोग का दंश झेल चुका है. वर्ष 2022-23 में काफी अधिक संख्या में गौवंशीय पशु लंपी रोग से ग्रसित हुए थे और तब लगभग 76000 गौवंश की मृत्यु हुई थी.

तब भी विभाग की सक्रियता से हजारों पशुओं की जान बचाई जा सकी थी. इसलिए सरकार अब इस रोग से बचाव के लिए सक्रिय होकर कार्य कर रही है.

कुमावत ने कहा कि पिछले वर्ष भी दो माह के टीकाकरण अभियान के तहत राज्य की लगभग 95 प्रतिशत गौवंश का टीकाकरण किया गया था जिससे रोग को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया था और गौवंश की हानि लगभग नहीं के बराबर हुई थी.

कुमावत नेे विभाग की सराहना करते हुए कहा कि इस रोग के सर्वेक्षण, निदान और नियंत्रण के लिए समय रहते आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

sonepur pashu mela
पशुपालन

FMD: खुरपका-मुंहपका से पशुओं को कैसे बचाए, यहां पढ़ें कुछ खास उपाय

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के एक्सपर्ट का कहना...

पशुपालन

IVRI: अब नई तकनीक से पशुओं की होगी सर्जरी, देश-विदेश के पशु चिकित्स सीख रहें हैं बारीकियां

डा. रेखा पाठक ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम जनरल सर्जरी से संबन्धित...