नई दिल्ली. पशुओं की आखों की बीमारी एक बड़ी समस्या बन गई है. इससे पशुओं को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसको देखते हुए लुवास के पशुचिकित्सा कॉलेज के सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग में पशुओं की आंखों की सर्जरी को लेकर ट्रेनिंग कार्यक्रम की शुरुआत हुई. ट्रेनिंग हासिल करने आए लोगों से कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा ने कहा कि पशुओं में आंखों की बीमारियों के केस लगातार बढ़ रहे हैं. इसलिए उनकी आंखों का उपचार बेहद जरूरी है. पशु चिकित्सा के क्षेत्र में अनुभवी क्षेत्र विशेषज्ञों की कमी की वजह से पशुओं को जरूरी इलाज नहीं मिल पाता है.
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए लुवास के अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने कहा कि इंसानों की तरह पशुओं में भी आंखें महत्तवपूर्ण हैं और अगर हम पशुओं की रौशनी वापपस लौटा सकें तो यह पशुचिकित्सका विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. उन्होंने प्रशिक्षार्थियों को उनकी सीखने की इच्छा के लिए बधाई देते हुए कहा कि आप सब तकनीकों में माहिर हो जाएंगे तो कम से कम दस और अन्य पशुचिकित्सकों को प्रशिक्षित करें और ये सीखने और सीखाने की कड़ी लगातार चलती रहे.
पांच दिन चलेगा कैंप
गौरतलब है कि हाल ही में लुवास के चौदहवें स्थापना दिवस पर सर्जरी विभाग में पशुओं के आंखों के उपचार के लिए आंखों के इलाज के लिए यूनिट की शुरुआत की गई. इस इकाई से अब तक 200 से ज्यादा पशुओं को फायदा हो चुका है. पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. गुलशन नारंग ने सभी प्रतिभागियों से पूरी लगन से अधिक से अधिक सीखने की अपील की. विभागाध्यक्ष डॉ. आर एन चौधरी ने बताया कि यह प्रशिक्षण पांच दिन चलेगा जिसमें प्रतिभागियों को आंखों की पुतलियां, लेंस आदि में होने वाले विभिन्न सर्जिकल प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए विभाग में सभी तरह के आधुनिक उपकरण मौजूद हैं. कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षण की समन्वयक डॉ प्रियंका ने किया.
10 प्रतिभागी ले रहे हैं हिस्सा
इस प्रशिक्षण में दस प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं जो कि केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली और हरियाणा से हैं. इस दौरान प्रतिभागियों ने बताया कि यह प्रशिक्षण लुवास के अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा बेहतरीन तरीके से कराया जा रहा है. कार्यक्रम के दौरान लुवास के स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ0 मनोज रोज, मानव संसाधन निदेशक डॉ0 राजेश खुराना एवं अधिष्ठाता डेयरी विज्ञान एवं तकनीकी महाविद्यालय डॉ0 सज्जन सिहाग भी उपस्थित रहें।
Leave a comment