नई दिल्ली. महाराष्ट्र के दूध कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने महाराष्ट्र में दूध पर 5 रुपये लीटर की सब्सिडी की योजना को मार्च तक बढ़ा दिया है. पहले यह योजना 10 फरवरी तक के लिए लागू की गई थी. अब सरकार ने 11 फरवरी से 10 मार्च तक की इसकी डेट बढ़ा दिया है. यानी अब दूध का कारोबार करने वाले किसानों को 5 रुपये सब्सिडी प्रति लीटर मिलती रहेगी. सरकार की ओर से यह सब्सिडी तब लागू की गई थी, जब महाराष्ट्र में दूध के दाम गिरने लगे थे. हालांकि कई किसानों का कहना है कि अभी तक उन्हें सब्सिडी का पैसा नहीं मिला है.
सरकार की ओर से इस योजना को एक महीना बढ़ाए जाने के चलते सरकार पर अब 230 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा. सरकार की ओर से कहा गया है कि सरकार सहकारी दुग्घ संघों और निजी दूध परियोजना दोनों पर दूध बेचने वाले किसानों को फायदा पहुंचा रही है. आंदोलन चलाने वाले किसान नेता अजीत नवले कहते हैं कि योजना का फायदा लेने के लिए हर किसान को आवेदन करने की जरूरत नहीं है. दुग्ध संघ में जितना दूध खरीद जाता है, उसमें सरकार अपने पैसे डाल देगी. वह इसका फायदा किसानों को देंगे. इसके लिए दूध संघ ही अप्लाई करेंगे.
149 लाख लीटर दूध होता है इकट्ठा
सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी उन्हीं को मिलेगी. जिसके दूध में कम से कम 3.2 फ़ीसदी फैट और 8.3 फ़ीसदी एसएनएफ होगा. नवंबर 2030 के आंकड़ों के अनुसार सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजानों की मदद से राज्य में हर दिन 149 लाख लीटर दूध इकट्ठा किया जाता है. प्रति लीटर 5 रुपये की सब्सिडी के हिसाब से इसकी कीमत इसकी रकम 230 करोड़ रुपये बनती है.
किसानों को नहीं मिला पैसा
सब्सिडी की मियाद भले बढ़ गई लेकिन पशुपालक में अभी तक इसका फायदा नहीं मिला है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नासिक जिले के जलगांव निवासी पशुपालन सिद्धार्थ गिते कहते हैं सरकार कहती कि हम 5 प्रति लीटर की सब्सिडी देंगे, लेकिन हमारे गांव में अभी तक किसी को फायदा नहीं मिला है. हमने जितना दूध बेच उसकी पर्ची रखी हुई है. अहमदनगर के बड़े पशुपालक नंदू रोकड़े ने भी कहा कि उन्हें सब्सिडी के पैसा नहीं मिला है.
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