नई दिल्ली. भारत में मीट उत्पादन के लिए पशुपालन विभाग के फार्मों (AHD, KLDB, MPI, BDS, केरल चिकन, KSPDC, KVASU), बड़े- और छोटे पैमानों के किसानों, उद्यमियों, किसान सहकारी समितियों, किसान उत्पादक कंपनियों और स्टार्टअप्स के माध्यम से लागू किए जाने का प्लान है. पड़ोसी राज्यों के फार्म, विक्रेताओं को केरल राज्य पशुपालन विभाग, केरल मीट बोर्ड द्वारा भैंस के बछड़ों, सुअर, बकरियों और पोल्ट्री की आपूर्ति के लिए मान्यता दी जानी है. वहीं आयातित मांस पशुओं के लिए AHD संस्थानों में स्वास्थ्य जांच पैकेज उपलब्ध कराया जा सकता है.
इसमें महत्वपूर्ण कीड़ों और हेमोप्रोटोजोआन बीमारी तथा वृद्धि क्षमता के जैव रासायनिक संकेतक शामिल हैं. पशुओं का बीमा किसी भी समय पशु की उम्र, शरीरिक वजन पर आधारित होना चाहिए. प्रीमियम का निर्धारण पशु के भविष्य के मूल्य पर ध्यान में रखते हुए किया जा सकता है. आपदाओं के कारण मृत्यु होने पर, राज्य किसानों का मुआवजा दे सकता है.
क्या-क्या काम होगा
बीमा मुआवजे की राशि राज्य AHD और बीमा कंपनियों द्वारा स्वीकृत उम्र, शरीर के वजन, मूल्य तालिका, चार्ट के आधार पर निर्धारित की जाएगी.
खरीदारों के साथ आगे की एकीकरण को सरकार द्वारा अनुमोदित ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के निर्माण के माध्यम से सुविधाजनक बनाया जाना चाहिए.
बायो सिक्योरिटी योजना का डिजाइन राज्य AHD द्वारा संक्रामक और बर्थ कंट्रोलिंग रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए किया जाएगा.
केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा फॉर्मिंग प्रथाओं और पशु चिकित्सा देखभाल और प्रबंधन के संबंध में SOP विकसित की जाएगी.
सभी लाइसेंस प्राप्त मांस पशु फार्मों में अपशिष्ट और निर्वहन उपचार की सुविधाएं होनी चाहिए.
जो राज्य सरकार के विभिन्न अभियानों (जैसे: हरित केरलम, स्वच्छ केरल, आदि) के साथ एकीकृत होनी चाहिए.
अच्छी गुणवत्ता वाले फीड, टीएमआर ब्लॉक्स विभिन्न प्रकार के मांस जानवरों और पोल्ट्री के लिए राज्य के भीतर या राज्य के बाहर स्वीकृत एजेंसियों, एएचडी, मीट बोर्ड, केवीएएसयू द्वारा उत्पादित किए जाएंगे.
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