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Meat: मीट प्रोडक्शन के काम से फायदा उठाने को बाजार का बुनिनादी ढांचा बनाने की जरूरत, पढ़ें डिटेल

goat meat benefits
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मीट उत्पादन को बढ़ावा देकर जहां किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है. वहीं इससे रोजगार के नए अवसर भी खुलते हैं. पशुपालन में जैसे भैंस, भेड़ और बकरी पालन से मीट का उत्पादन करके किसानों की इनकम डबल हो सकती है. जबकि पोल्ट्री कारोबार में ब्रॉयलर और देसी मुर्गों का पालन करके भी मीट प्रोडक्शन किया जाता है और इससे भी किसानों को आमदनी होती है. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि इसको बढ़ावा देने के लिए कई काम किया जाना चाहिए, तभी इसमें सफलता मिलेगी और लोगों को इसका फायदा.

सबसे अहम किए जाने वाले कामों में मीट बाजार का बुनियादी ढांचा मजबूत करने की जरूरत है. ताकि लोगों को सही समय से स्वच्छ और क्वालिटी से भरपूर मीट मिल सके. इसके लिए कई काम किए जाने चाहिए. जिसमें स्वच्छ मीट का उत्पादन, ठंडा मीट, पैक्ड मीट आदि शामिल है. एक्सपर्ट का कहना है कि तभी इसका फायदा होगा.

बाजार का बुनियादी ढांचा
एक्सपर्ट की मानें तो हर एक जिले में पशुधन व्यापार मंडियों की स्थापना करने की बेहद ही जरूरत है. राज्यों के बीच जीवित पशुओं की आवाजाही को विनियमित करना और रोग मुक्त क्षेत्रों के लिए संगरोध स्टेशनों और मोबाइल सैनिटाइजिंग वाहनों की स्थापना को प्रोत्साहित करना भी जरूरी कामों में से एक है. वहीं बाजार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए जीवित पशुओं और पक्षियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने और ठंडा, पैक और जमे हुए मांस के परिवहन और बिक्री को प्रोत्साहित करने की नीतियां बनाना भी जरूरी है. वहीं ई-कॉमर्स और ऑनलाइन मीट मार्केटिंग उद्यमियों को बढ़ावा देना ताकि मीट वैल्यू चेन में बेहतर प्रोसेसिंग, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन और अन्य लॉजिस्टिक्स तैयार किए जा सकें.

मीट वैल्यू चेन के साथ कोल्ड चेन और स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर

  • स्वच्छ और सुरक्षित मीट उत्पादन और अपशिष्ट उपयोग के लिए जीवित पशुओं के परिवहन, पशु बाजार, आधुनिक बूचड़खानों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना.
  • उन राज्यों में मीट फूड हब बनाना जहां मीट और मीट उत्पादों की बहुत मांग है (केरल, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्य).
  • फूड बैंक, एनी टाइम मीट (एटीएम), मीट वेंडिंग मशीन, रेडी टू ईट और फ्रोजन मीट के लिए एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर स्मार्ट कियोस्क की स्थापना.
  • सामुदायिक फ्रिज स्थापित करने के लिए निजी उद्यमियों और एनजीओ को शामिल करना.
  • बूचड़खानों से खुदरा मीट की दुकानों तक शवों और मांस के परिवहन के लिए रेफ्रिजरेटेड वाहन.
  • खुदरा मांस की दुकानों पर चिलर और फ्रीजर की सुविधा

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