नई दिल्ली. भारत में तकरीबन 75 फीसद लोग इस वक्त नॉन वेजिटेरियन हैं. यानि वो कभी न कभी मांस खाते हैं. हालांकि सबसे ज्यादा मीट के तौर पर चिकन खाया जाता है. जबकि अन्य मीट को कम खाया जाता है. जैसे भारत में बफैलो, बकरी और भेड़ का भी मीट खाया जाता है लेकिन इन मीट को खाने वालों की संख्या कम है. बता दें कि भारत पारंपरिक मांस उत्पाद की संख्या बहुत है. जिसमें कई जातीय समूह हैं, जो परंपरा, संस्कृति और विभिन्न खाद्य आदतों में विविधता रखते हैं. स्वदेशी स्वाद प्रोफाइल के कई प्रकार के पारंपरिक मांस उत्पाद तैयार किए जाते हैं और खाए जाते हैं.
पारंपरिक तैयारी के तरीकों के संबंध में ज्ञान आमतौर पर पीढ़ियों के माध्यम से प्रथा और मौखिक रूप से साझा किया जाता है. ये उत्पाद क्षेत्र से क्षेत्र और स्थान से स्थान तक भिन्न होते हैं. कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर, लोगों ने कुछ विशेष खाद्य उत्पादों के प्रति स्वाद विकसित किया है और इस प्रक्रिया में, उन्होंने अपने क्षेत्रों के लिए पारंपरिक विभिन्न विशेष उत्पाद विकसित किए हैं. पारंपरिक शैली और प्रत्येक प्रोडक्ट में जोड़े गए विशिष्ट सामग्री ने बेहतरीन किस्म के पकवान को बनाने में मदद की है.
हैदराबादी की फेवरेट डिश क्या है
भारत के नॉर्दर्न रीजन में सीक कबाब, तंदूरी चिकन, गोश्ततबा, नाटी यकीनी, तबक और मोमो आदि खाया जाता है. वही ईस्टर्न रीजन में मीट दो प्याजा और मोमो आदि चीज को पसंद किया जाती है. जो गोश्त जो मीट से बनाई जाती है. वेस्टर्न रीजन की बात करें तो मीट रोल, विंड डालो सकूदी, मटन कोल्हापुरी आदि पसंद किया जाता है. साउथ रीजन की बात की जाए तो यहां चिकन का मीट खाया ज्यादा जाता है. वहीं हलीम, बिरयानी, चिकन करी, सूखा नमक वाला मीट भी खाया जाता है. हैदराबाद वाले इलाके में हलीम, हैदराबादी दम बिरयानी, पाया नहारी, भेजा, चिकन, कच्चा कोफ्ता, मटन कोफ्ता आदि डिशेज को खूब पसंद किया जाता है.
पंजाब वालों को ज्यादा पंसद है ये खाना
जबकि जम्मू कश्मीर इलाके में गोश्ततबा, नाटे यकीनी, तबक, मानस, रिस्ता, अबा गोश्त, रोगन गोश्त, बाल्टी मीट करी आदि पसंद किया जाता है. जबकि पंजाब में तंदूरी मीट प्रोडक्ट को काफी पसंद किया जाता है. यहां के लोग इसे ज्यादा खाते हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में कबाब, मीट समोसा, मीट पकौड़ा, बिरयानी आदि का चलन ज्यादा है. तमिलनाडु में चिकन मीट करी, मीट और मीट से बने सामान खाए जाते हैं. केरल में मीट को फ्राई करके खाने का चालन ज्यादा है.
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