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MNREGA: चुनाव के दौर में मनरेगा की मजदूरी में बड़ा बदलाव, पढ़ें किस राज्य में कितनी हुई मजदूरी

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. लोकसभा इलेक्शन से ठीक पहले केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए मनरेगा मजदूरी की दरों में 3 से 10 फीसदी का इजाफा करने का ऐलान किया है. इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके साथ ही मनरेगा मजदूरों का पैसा बढ़ जाएगा. सरकार ने लोकसभा चुनाव के ठीक-बीच में ये फैसला लिया है. बताते चलें कि सबसे ज्यादा मजदूरी गोवा में बढ़ाई गई. है गोवा में प्रतिदिन 34 रुपये की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई है.

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सात रुपये का इजाफा हुआ है. गोवा में मौजूद मजदूरी (NREGS) के तहत 10.56 परसेंट की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में दोनों ही जगह पर भाजपा सरकार है और यहां पर सबसे कम 3.4 परसेंट की वृद्धि दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सामान नरेगा मजदूरी दर देते है यहां मौजूदा मजदूरी 230 रुपये है. जिसमें इजाफा करते हुए 237 रुपये कर दी गई है.

हरियाणा में 374 रुपये मजदूरी
वहीं पश्चिम बंगाल में मनरेगा मजदूरी में 5.5 फीसदी बढ़ाया गया है. यहां अभी तक 237 रुपये मजदूरी मिलती थी. अब इसको बढ़कर 250 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है. एनआरजीईएस मजदूरी की उच्चतम दर 374 में प्रतिदिन हरियाणा के लिए तय की गई है. वहीं सबसे कम अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के लिए मजदूरी है. यहां पर 234 रुपए प्रतिदिन मजदूरी मिलती है.

इन 3 राज्यों में 10 फीसदी बढ़ी मजदूरी
जबकि तीन अन्य राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी मजदूरों की मजदूरी में 10 फीसदी से ज्यादा का इजाफा किया गया है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जो (NREGS) नरेगा के तहत समान मजदूरी देते हैं. यहां भी लगभग 10 परसेंट का इजाफा किया गया है. मौजूदा समय में 221 रुपये मजदूरी दी जा रही है. अब इसे बढ़कर 243 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया है.

ये की गई थी सिफारिश
बताते चलें कि इस साल की शुरुआत में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर संसदीय स्थायी समिति ने कहा था कि राज्यों में एमजीएनआरईजीएस मजदूरी में भिन्नता की उच्च सीमा है. कहा गया था कि वेतन बहुत कम है जो जीवनयापन और बढ़ती महंगाई के हिसाब से कम है. जिसके बाद पैनल ने न्यूनतम मजदूरी पर केंद्र सरकार की समिति, अनूप सत्पथी समिति की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें सिफारिश की गई थी कि मनरेगा के तहत मजदूरी 375 रुपये प्रति दिन होनी चाहिए.

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