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Milk Production: देश में डेयरी सेक्टर की वैल्यू डबल करने में यूपी निभाएगा रोल, पढ़ें क्या है प्लान

The revised NPDD will give an impetus to the dairy sector by creating infrastructure for milk procurement
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. रोजगार और अर्थव्यवस्था के लिहाज से डेयरी संभावनाओं का क्षेत्र है. ये बात उप्र वेटरनरी सर्विस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार शुक्ला ने कही. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं देश के विकास के लिहाज से डेयरी सेक्टर बेहद संभावनाओं का क्षेत्र है. भारत में करीब 8 करोड़ परिवार इस सेक्टर से जुड़े हुए हैं. यह सेक्टर सालाना करीब 8.9 फीसद की दर से बढ़ रहा है. इस सेक्टर की मौजूदा वैल्यू करीब 124.93 बिलियन डॉलर की है. अनुमान है कि 2030 तक यह बढ़कर 227.53 बिलियन डॉलर की हो जाएगी. इस तरह डेयरी सेक्टर रोजगार एवं अर्थव्यवस्था के लिहाज से व्यापक संभावनाओं का क्षेत्र है.

उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद गोरखपुर के जोनल अध्यक्ष रहे पशु चिकित्सक डॉ. बीके सिंह के मुताबिक उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक एवं सार्वधिक आबादी वाला राज्य है. दूध उत्पादन में यहां और ज्यादा ग्रोथ होगी. क्यों​ििक स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता एवं बेहतर होती अर्थव्यवस्था इन संभावनाओं में चार चांद लगाएगी. गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा और ब्रीडिंग के जरिये उत्तर प्रदेश देश ही नहीं दुनिया में श्वेत क्रांति का अगुआ बन सकता है. ऐसे में इस सेक्टर से और ज्यादा रोजगार और प्रदेश एवं देश की अर्थव्यवस्था में और योगदान मिल सकता है.

दूध संघों को हुआ है 818.22 लाख रुपए का फायदा
वर्ष 2024-25 में दूध उत्पादन 3.97 एलएलपीडी दर्ज किया गया जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 फीसद अधिक है. दूध समितियों की सदस्यता में 8 फीसद वृद्धि हुई है और 24031 दूध उत्पादकों को प्रशिक्षण मिला है. वित्तीय दृष्टि से टर्नओवर 1120.44 करोड़ तक पहुंचा गया. यह पिछले साल से 16 फीसद अधिक है. वाराणसी, अयोध्या, बरेली, मिर्जापुर, मथुरा व बस्ती में प्रमुख दुग्ध संघों को कुल 818.22 लाख रुपये का लाभ हुआ.

मुख्यमंत्री का निर्देश और लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि दुग्ध उत्पादन बढ़ाते हुए प्राथमिक सहकारी समितियों की संख्या बढ़ाएं. इनके सदस्यों का प्रशिक्षण कराएं. मुख्यमंत्री ने वर्ष 2025-26 में 4922 नई सहकारी दुग्ध समितियों के गठन तथा 21922 समितियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य भी विभाग को दिया. इस क्रम में विभाग ने नंद बाबा मिशन के तहत अगले छह महीने में 2500 दुग्ध समितियों के गठन के साथ नए प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना और इनकी बुनियादी सुविधाओं को और बेहतर करेगा. विभागीय मंत्री, समितियों से जुड़े किसानों एवं पशुपालकों के भुगतान की व्यवस्था समय से करने का निर्देश दे चुके हैं.

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