नई दिल्ली. हिंदुस्तान दूध उत्पादन के मामले में पूरी दुनिया में नवंबर वन की पोजिशन पर आता है. देश में प्रति वर्ष दूध उत्पादन 230.58 मिलियन टन से ज्यादा होता है. देश को नंबर वन बनाने में पहले नंबर पर भैंस, दूसरे पर गाय और तीसरे नंबर बकरी का दूध शामिल हैं. यही वजह है देश में दूध की कोई कमी नहीं है. अब भारत दूसरे देशों को भी दूध के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में लगा हुआ है. यही वजह है कि श्रीलंका में दूध दुत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में विचार-विमर्श किया गया.
श्रीलंका में पशुपालन और डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने पर चर्चा
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अध्यक्ष डॉक्टर मीनेश सी शाह ने श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान भारत सरकार और श्रीलंका सरकार के बीच हस्ताक्षरित संयुक्त आशय घोषणा के कार्यान्वयन की दिशा में प्रगति और उसे आगे बढ़ाने के बारे में विचार-विमर्श किया गया. अधिकारियों ने श्रीलंका में पशुपालन एवं डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई पहलुओं पर चर्चा कर एक रोडमैप तैयार किया.
औपचारिकताओं को पूरा कर कंपनी का संचालन जल्द होगा
डॉक्टर मीनेश सी शाह ने इस बात पर भी चर्चा की कि एनडीडीबी, जीसीएमएमएफ (अमूल) और कारगिल्स (सीलोन) पीएलसी (कारगिल्स सीलोन) के साथ संयुक्त उद्यम कंपनी एक अधिक मजबूत डेयरी पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर श्रीलंकाई डेयरी क्षेत्र को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. डेयरी मूल्य श्रृंखला, इनपुट सेवाओं से लेकर दूध की खरीद, प्रसंस्करण से लेकर विपणन तक, बेहतर आजीविका और पोषण के माध्यम से डेयरी किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के जीवन को प्रभावित करती है. उच्चायुक्त ने इच्छा व्यक्त की कि इसके व्यापक सकारात्मक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, सभी वैधानिक प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा ताकि संयुक्त उद्यम कंपनी का संचालन तेजी से शुरू हो सके.
ये अधिकारी भी रहे मीटिंग में मौजूद
सुश्री देविका लाल, प्रथम सचिव (ई एंड सी), श्रीलंका में भारत (भारत का उच्चायोग, कोलंबो) और एस रेगुपति, कार्यकारी निदेशक, एनडीडीबी भी एनडीडीबी के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में उपस्थित रहे.











