नई दिल्ली. गर्मी आते ही गाय-भैंसों के बीमार होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. जिसका सीधा असर दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन पर पड़ता है. ऐसे में पशुपालक कोशिश करते हैं कि किसी भी हालत में दुधारू पशु दूध उत्पादन कम न करें. क्योंकि उनका फायदा नुकसान इसी पर टिका रहता है. यदि पशु पालक चाहते हैं कि बदलते मौसम के साथ दुधारू पशुओं को इससे जुड़ी किसी समस्या का सामना न करना पड़े तो कुछ घरेलू औषधि बनाकर गाय-भैंसों खिला सकते हैं. जिससे गाय और भैंस का दूध उत्पादन कम नहीं होगा. गाय औ भैंस को दिए जाने वाले आहार में भी कुछ बदलाव जरूरी होता है.
मैदानी इलाकों में अब धीरे-धीरे गर्मी बढ़ती जा रही हैं. मार्च का लगभग आधा महीना बीत चुका है और इसी के साथ ही तापमान भी तेजी के साथ बढ़ रहा है. जिसके चलते गाय-भैंस बीमार हो रही हैं. गाय-भैंस बीमार ना पड़े उनका दूध उत्पादन कम ना हो और उत्पादन औसत पहले से और ज्यादा बेहतर करने के लिए पशुपालकों को कई काम करना पड़ता है. अपने पशुओं को अब सीधे धूप से बचाना बहुत जरूरी होगा. उन्हें पीने के पानी के लिए समय−समय पर उपलब्ध कराना होगा.
पहले से बढ़ जाएगा दूध उत्पादनः भैंस एक्सपर्ट की मानें तो बदलते मौसम के चलते पशु दूध उत्पादन कम कर देते हैं. जिसका नुकसान पशुपालकों को होता है. ऐसे में पशुपालक अपने दुधारू पशुओं के दूध को बढ़ाने के लिए गेहूं का दलिया, गुड़ का शर्बत, मेथी, कच्चा नारियल, जीरा, अजवाइन का मिश्रण तैयार कर दूध निकालने के बाद पशुओं को दे सकते हैं. तीन दिन तक ये खिलाना चाहिए. घरेलू चीजों को मिलाकर बनाई गई ये दवा से आप देखेंगे कि पशु के स्वास्थ्य में सुधार होने के साथ-साथ दूध उत्पादन की क्षमता भी पहले से बढ़ गई है.
सरसों का तेल आटा और लोबिया खिलाएंः इतना ही नहीं पशुओं को चारा खिलाने या पानी पिलाने के बाद 7 से 8 दिनों तक 200 से 300 ग्राम सरसों के तेल में 250 ग्राम गेहूं का आटा मिलाकर भी सुबह-शाम खिला सकते हैं. ये घरेलू नुस्खा भी पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाने में कारगर है. वहीं प्रोटीन और फाइबर से भरपूर लोबिया घास में भी कुछ औषधि गुण पाए जाते हैं. जिस वजह से दुधारू पशुओं को खिलाने की सलाह देते हैं. इससे दूध उत्पादन बढ़ता है. बाड़े में गर्मी से बचाने के इंतजाम भी करना शुरू कर दें. ये महीना पशुओं को गर्मी से बचा लें तो अच्छा दूध मिलेगा.
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