नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग करने वाले पशुपालक भाइयों की इच्छा होती है कि उनका पशु ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन करे. ताकि उन्हें डेयरी फार्मिंग में खूब फायदा हो. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं का दूध बढ़ाने के लिए उन्हें संतुलित आहार देने की जरूरत होती है. इसके लिए उनके चारे में हरा चारा, सूखा चारा, अनाज, दालें, खली और खनिज आदि को शामिल किया जाता है. जिससे पशु को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और वह अपनी क्षमता के मुताबिक दूध का उत्पादन करता है. इसके अलावा भी कई जरूरी चीजे हैं, जिनको देने से पशु का दूध उत्पादन बढ़ता है.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि कई बार इन सारी चीजों को देने के बावजूद पशु का दूध उत्पादन नहीं बढ़ता तो इसमें घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ और चीज हैं, जिन्हें देकर आप पशु का दूध उत्पादन बढ़ा सकते हैं. कई देसी फार्मूले हैं, जिनका इस्तेमाल पशु के दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है. अगर आप भी जानना चाहते हैं कि पशु का दूध उत्पादन किस तरह बढ़ाया जाए तो हम यहां पर आपको ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जिनको देने से पशु का दूध उत्पादन तेजी के साथ बढ़ जाएगा. दरअसल, आपको पशु को घर पर काढ़ा बनाकर पिलाना है, जिससे दूध उत्पादन तेजी से बढ़ेगा.
क्या-क्या सामग्री लगेगी, जानें
पशु का दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशु के बछड़ा या बछड़ी के जन्म देने तक का इंतजार करें. जब पशु बछड़ा या बछड़ी को जन्म दे देते उसके तुरंत बाद इस काढ़े को पशु को पिलाना है. इस काढ़े को पशु को 5 दिनों तक पिलाना है. इसके बाद नतीजा आपके सामने होगा. इसका इस्तेमाल करने वाले किसानों का दावा है कि इससे पशु का दूध उत्पादन तेजी से बढ़ेगा. पशु जल्दी से पीक पर आ जाएगा. इसमें 300 ग्राम गुड़ का इस्तेमाल करना है. फिर जरूरत होगी 25 ग्राम हल्दी की. इसमें 25 ग्राम सोंठ भी लगेगी. अजवाइन 25 ग्राम और जीरा 25 ग्राम लेना है.
इस तरह बनाएं काढ़ा
इसके बाद दो से तीन लीटर पानी में इन सारी चीजों को का पाउडर बनाकर मिक्स कर दें. फिर इसे चूल्हे पर चढ़ाकर अच्छी तरह से काढ़ा बना लें. जब ठंडा हो जाए तो पशु को 5 दिनों तक इसे पिलाएं. वहीं पशु को पीक पर लाने और अगली बार सही समय से हीट पर लाने के लिए कई दिनों तक एक दूसरा काढ़ा भी पिलाया जाता है. इसके लिए छठे दिन से यह काढ़ा बनाकर पशु को देना है. इसमें 300 ग्राम गुड़, अजवाइन 50 ग्राम और पीली शतावर 50 ग्राम पीसकर थोड़े से पानी में डालकर काढ़ा तैयार कर लें. इससे पशु जल्दी से पीक पर आ जाएगा और समय से हीट में भी आएगा.
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