नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग एक बेहतरीन कारोबार है. जिसको करके आप खूब इनकम कमा सकते हैं, लेकिन पोल्ट्री फार्मिंग को सही तरीके से करने और इसमें ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए इसकी मुकम्मल ट्रेनिंग होना भी जरूरी है. जब आपको पोल्ट्री फार्मिंग की हर छोटी—बड़ी बात पता होगी तो इससे फॉर्म में रहने वाले मुर्गों में मृत्युदर नहीं दिखाई देगी. जबकि उनकी ग्रोथ भी तेजी से होगी. जिसका फायदा इन्हें बेचते समय आपको मिलेगा. इसलिए पोल्ट्री एक्सपर्ट भी पोल्ट्री फार्मिंग का काम शुरू करने से पहले लोगों को ट्रेनिंग लेने की सलाह देते हैं.
पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो हर दिन पोल्ट्री फार्म में पक्षियों का ख्याल रखना पड़ता है. दिन बदलने के साथ ही उनकी देखरेख का तरीका भी बदल जाता है. गर्मी देने के लिए ब्रूडिंग की जरूरत पड़ती है, तो कभी उन्हें ठंडा रखने के लिए दूसरे उपाय करने पड़ते हैं. यानी मौसम के लिहाज से भी उनकी देखरेख का तरीका बदलता रहता है. इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि पोल्ट्री फार्मिंग में ब्रॉयलर मुर्गों पर पानी का स्प्रे कब किया जाता है और उसकी क्यों जरूरत पड़ती है.
स्प्रे करने के बारे में पढ़ें यहां
आमतौर पर गर्मी के दिनों में जब मुर्गा 25 दिनों का हो जाता है तो उन्हें गर्मी से बचाने के लिए पानी का स्प्रे किया जाता है.
दिन में काफी ज्यादा गर्मी होती है और इसी गर्मी से बचाने के लिए मुर्गों के ऊपर पानी का स्प्रे किया जाता है.
इससे मुर्गों के पंख गीले हो जाते हैं और ज्यादा गर्मी के समय उन्हें इससे राहत मिलती है. हालांकि इस बात का भी ध्यान देना पड़ता है कि फार्म में मॉइश्चर न हो.
अगर फार्म में मॉइश्चर है तो स्प्रे नहीं करना चाहिए. स्प्रे कर देने से मुर्गियां में मृत्युदर नहीं दिखाई देती है उन्हें गर्मी से राहत मिलती है.
मुर्गों पर पानी का स्प्रे सुबह में 11 बजे के बाद किया जाता है. उसके बाद एक बार फिर शाम को 4 बजे के करीब स्प्रे किया जा सकता है.
इससे मुर्गा फीड भी अच्छे से खाता है और ठंड महसूस करता है. स्प्रे करते वक्त इस बात का ध्यान दें कि फार्म का फर्श गीला न हो पाए.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुर्गों पर पानी का स्प्रे करने के लिए विराक्लीन का इस्तेमाल किया जाता है. इसका छिड़काव फार्म में भी किया जाता है.
मुर्गों के फीडर और ड्रिंकर को भी विराक्लीन के घोल से धोया जाता है. वहीं चूजों को फॉर्म मिलने से पहले फार्म के अंदर और बाहर विराक्लीन करना चाहिए.
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