नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग में पशुओं का ज्यादा दूध का उत्पादन करना जरूरी होता है. अगर पशु ज्यादा दूध का उत्पादन करता है तो इससे डेयरी फार्मर को फायदा होता है. गर्मियों में खासतौर पर पशु गर्मी की वजह से दूध का उत्पादन कम कर देता है. ऐसे में दूध उत्पादन बढ़ाने की जरूरत होती है. अगर ऐसा न किया जाए तो फिर डेयरी फार्मिंग में नुकसान हो सकता है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि कई ऐसे देसी तरीके हैं, जिसको करने से पशु का दूध उत्पादन बढ़ जाता है. इसी में से खेजड़ी और नीम का पेड़ बहुत असरदार है. इसके इस्तेमाल से दूध उत्पादन बढ़ जाता है.
एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक नीम और खेजड़ी के पेड़ की जड़ पर जो छाल जमी होती है, उसे निकालकर उसका पशुओं को बुरादा बनकर दिया जाए तो इससे पशु का दूध उत्पादन बढ़ जाता है. वहीं अगर पशुओं को ज्यादा गर्मी लग रही है तो इन दोनों पेड़ की छाल देने से राहत मिलेगी. इतना ही नहीं इसके कई और भी फायदे हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे नीम ओर खेजड़ी के पेड़ की छाल से दूध उत्पादन बढ़ेगा.
इस तरह काम करता हैं दोनों पेड़ों की छाल
आपको बता दे कि खेजडी का पेड़ आपको आसानी से कहीं भी मिल जाएगा. वहीं नीम का पेड़ तो लगभग हर जगह ही होता है. दोनों पेड़ों की जड़ पर लगी छाल को आपको निकाल लेना है. दोनों पेड़ की छाल को निकालने के बाद इसका किसी चीज में पाउडर बना लें. इसके बाद दोनों पेड़ों की छाल का पाउडर 50-50 ग्राम रोज गाय, भैंस या फिर बकरी को खिलाना शुरू कर दें. इस चीज को देने का फायदा यह है कि इससे गर्मी में पशुओं की गर्मी से राहत मिल जाएगी. इससे पशु अच्छे से खाने-पीने लगता है. जिससे दूध उत्पादन बढ़ जाता है.
नीम और खेजड़ी का फायदा
आपको बता दें कि नीम और खेजड़ी का पेड़ पशुओं के लिए बेहद ही फायदेमंद है. नीम के पत्ते खिलाने से पशुओं के पेट के कीड़े मर जाते हैं. नीम की खली में पोषक तत्व होता है, नीम की खली को पानी से धोकर भीड़ बकरियों के आहार में भी शामिल किया जाता है. वहीं खेजड़ी के पेड़ से मिलने वाले पत्ते और फल के पशुओं के लिए बेहद ही फायदेमंद होते हैं. खेजड़ी के पेड़ से मिलने वाले पत्ते को लूंग कहते हैं. खेजड़ी के पत्ते बकरियां, ऊंट, भेड़, गाय और भैंस को खिलाया जाता है. ये पेड़ पशुओं के लिए पौष्टिक भी होता है. इसके पत्ते भी दूध बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं.
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