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Dairy: अब वाराणसी वालों को लस्सी के साथ मिष्टी दही भी खाने को मिलेगी

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पूजन—अर्चन के साथ प्लांट की आधारशीला रखने के दौरान मौजूद लोग.

नई दिल्ली. वाराणसी ऐसा शहर है, जहां दुनियाभर के प्रयर्टक हर दिन आते हैं. यहां तमाम तरह के व्यंजन भी खाने को मिलते हैं. बात चाहे पान की हो या फिर यहां की लस्सी, लौंगलता, या फिर लाल पेड़ा की. इन सबका स्वाद लोगों की जुबान पर है. अब वाराणसी वालों के साथ-साथ प्रयर्टकों को यहां ​मिष्टी दही भी खाने को मिलेगी. लस्सी के साथ-साथ मिष्टी दही का भी लुत्फ बनारस वाले उठा पाएंगे. इसकी खासियत ये भी होगी कि इसमें हाइजीन का ख्याल रखा जाएगा और साथ ही क्वालिटी भी बेहतरीन होगी.

क्वालिटी वाला दूध और दूध उत्पाद मिलेगा
दरअसल, एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश सी शाह ने वाराणसी के रामनगर में एनडीडीबी द्वारा प्रबंधित वाराणसी दुग्ध संघ के दुग्ध उत्पाद संयंत्र की इकाई II की आधारशिला रख दी है. वहीं इस दौरान अध्यक्ष ने इसे एक शुभ शुरुआत बताते हुए कहा कि वाराणसी दुग्ध संघ डेयरी क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि पूरे पूर्वांचल में उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाला दूध और दूध उत्पाद उपलब्ध कराया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इसका एक और सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि क्षेत्र में डेयरी किसानों को आय इससे बहुत तेजी के साथ बढ़ेगी.

नए प्लांट में क्या-क्या बनेगा
उन्होंने आगे बताया कि एनडीडीबी की सहायक कंपनी आईडीएमसी लिमिटेड द्वारा निर्मित इस सुविधा में 4 एलएलपीडी प्रसंस्करण क्षमता वाली मौजूदा दूध प्रसंस्करण इकाई के अलावा, 50 एमटीपीडी की क्षमता होगी. उन्होंने बताया कि शुरू में, नए संयंत्र में छाछ, लस्सी, दही, सेट दही और मिष्ठी दही का उत्पादन होगा. इसे हरा-भरा बनाने से प्लांट की भाप की जरूरत बायोगैस बॉयलर से पूरी होगी. वहीं मिष्ठी दही जैसे प्रोडक्ट के बाजार में उपलब्ध होने से अन्य उत्पादों को भी फायदा होगा. जब लोग कुछ पसंदीदा खाएंगे तो उनका रूझान दूसरे प्रोडक्ट की तरफ भी बढ़ेगा.

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