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IVRI: पशुओं को कृत्र‍िम गाभि‍न करने घर तक आएगी मोबाइल वैन, साथ ही ये सुव‍िधाएं भी मिलेंगी

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कान्ट्रैक्ट एक दूसरे को सौंपते हुए अधिकारी.

नई दिल्ली. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में मैसर्स जीनस ब्रीडिंग इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे के कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत एक कॉन्ट्रैक्ट किया गया है. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत मैसर्स जीनस ब्रीडिंग इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड आईवीआरआई को मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई उपलब्ध करायेगा. जिसमें पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान से सम्बन्धित उपरकण मौजूद रहेंगे. अधिकारियों ने बताया कि अब पशुपालकों के घर तक कृत्रिम गाभिन करके लिए मोबाइल वैन पहुंचेगी.

इस अनुबन्ध पर संस्थान निदेशक डॉ त्रिवेणी दत्त तथा जीनस ब्रीडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डॉ सागर सारस्वत ने हस्ताक्षर किए हैं. इस मौके पर संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि संस्थान में निजी कम्पनी के सीएसआर फंड का उपयोग करने का यह प्रथम कॉन्ट्रैक्ट है. उन्होंने कहा कि मैसर्स जीनस ब्रीडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एबीएस इंडिया) सीमेन उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी है तथा इस अनुबघ के माध्यम से डेयरी किसानों की आजीविका में सुधार हेतु इनपुट सहायता, विभिन्न उत्पादन, प्रजनन और स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रौद्योगिकियों और तकनीकी ज्ञान साझा करने में मदद मिलेगी.

कई टूल कराएगी उपलब्ध
इस अनुबंध के अन्तर्गत जीनस ब्रीडिंग इण्डिया संस्थान को एक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई (एमवीयू) तथा मंजूर परियोजना के तहत कृत्रिम गर्भाधान करने के लिए सहायक टूल जिनमें तरल नाइट्रोजन क्रायोकैन, थाविंग यूनिट, सिंक्रोनाइजेशन किट, एक डिजीटल एआई गन, पशुओं की पहचान के लिए टैग तथा सेक्स सॉर्टेड सीमेन स्ट्रॉ उपलब्ध करायेगा. इसके अतिरिक्त खनिज मिश्रण, डीवॉर्मिंग और अन्य डेयरी संबंधित फीड सप्लीमेंट्स का वितरण भी किया जाएगा. साथ-साथ कम्पनी किसान गोष्ठी, बांझपन शिविर, कार्यशालाएं, संगोष्ठियां, किसान-वैज्ञानिक संवाद, किसान जागरूकता शिविर, सामुदायिक संपर्क, प्रकाशन आदि के आयोजन में सहयोग करेगी.

एक साल का है कॉन्ट्रैक्ट
सीएसआर से फंडेड इस परियोजना को संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त की अध्यक्षता में इंस्पीमेंट किया जायेगा. इस परियोजना में संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डा. रूपसी तिवारी, समन्वयक, डा. एमएच खान, प्रधान अन्वेषक तथा डा. बृजेश कुमार, डा. नीरज श्रीवास्तव और डा. एम.के. पात्रा सह अन्वेषक के रूप में कार्य करेंगे. आईटीएमयू प्रभारी डा. अनुज चैहान ने बताया कि शुरू में यह अनुबन्ध एक वर्ष के लिए होगा. तथा संस्थान को इस प्रोजेक्ट से 27.29 लाख रूपये की धनराशि प्राप्त होगी. हमें इस बात की पूरी उम्मीद है कि हमारा अनुबन्ध मैसर्स जीनस ब्रीडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एबीएस इंडिया) के साथ लम्बी अवधि तक चलेगा.

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