नई दिल्ली. पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के निस्तारण को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राजकीय माध्यमिक विद्यालय में मौजूद स्कूल छात्र-छात्राओं को इससे जुड़ी अहम जानकारी दी गई. एक्सपर्ट ने छात्रों को बताया कि पशुओं से इंसानों को कई बीमारी होने का खतरा रहता है. पशुओं के चिकित्सकीय अपशिष्ट का समय पर निस्तारण करना बेहद ही जरूरी है. इससे इंसानों को पशुओं से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है.
कार्यक्रम में जैव चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारण एवं प्रौद्योगिकी केंद्र राजुवास की मुख्य इंवेस्टिगेटर डॉ. दीपिका धूड़िया ने बताया कि केन्द्र द्वारा राजकीय माध्यमिक विद्यालय, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, बीकानेर में छात्र-छात्राओं हेतु अपशिष्ट निस्तारण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जागरूकता कार्यक्रम में केन्द्र के सहायक आचार्य डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने अस्पतालों से निकलने वाले जैविकीय अपशिष्ट का मानव स्वास्थ्य व वातावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया.
बीमारियों के बारे में बताया
इसके साथ ही उन्होंने पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले संक्रामक रोगों के बारे में जानकारी दी. वहीं छात्रों से इस विषय संबंधित कई सवाल भी किए. जिसका वहां मौजूद एक्सपर्ट ने जवाब दिया और छात्रों ने अपना ज्ञान बढ़ाया. इस दौरान केन्द्र की सहायक आचार्य डॉ. वैशाली ने छात्र-छात्राओं को पालतू पशुओं से होने वाले रोगों के बारे में विस्तार पूर्वक अवगत करवाया एवं रेबीज से बचाव व टीकाकरण की भी जानकारी दी.
प्रतियोगिता भी कराई गई
जागरूकता कार्यक्रम के दौरान पशु जैव स्वास्थ्य आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित करवाई गई जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया. कार्यक्रम के दौरान स्नातकोत्तर स्कॉलर डॉ. जयंत स्वामी, राजकीय माध्यमिक विद्यालय, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, बीकानेर की उप-प्राचार्य श्रीमती अनु भाटी, सरिता चौधरी व अध्यापक ताराचंद उपस्थित रहे.
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