नई दिल्ली. केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक योजना शुरू की है. जिसका मकसद मछली कारोबार को बढ़ावा देने के साथ साथ ही मछुआरों की इनकम बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा मछुआरों को काम देने है. जिसके तहत फिशिंग हार्बर के आधुनिकीकरण किया जा रहा है. मंत्रालय के मुताबिक कोचिन फिशिंग हार्बर से इसकी शुरुआत की जा चुकी है. जबकि बीते दिनों केन्द्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने केरल के कोचिन पोर्ट अथॉरिटी विलिंगडन द्वीप थोप्पुमपडी के समुद्रिका हॉल में इसकी बुनियाद रखी. जानकारी के मुताबिक करीब 170 करोड़ रुपये से आधुनिकरण के काम कराए जाएंगे. मंत्रालय ने इसकी इजाजत दे दी है. इसमें से सौ करोड़ रुपये केन्द्र सरकार जबकि बाकी का हिस्सा राज्य सरकार देगी.
7500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी
गौरतलब है कि मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग ने मार्च 2022 में सागरमाला योजना के तहत बंदरगाह नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के साथ कन्वर्जन्स में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के मद्देनजर थोप्पुमपडी में कोचिन फिशिंग हार्बर के आधुनिकीकरण और उन्नायन की घोषणा की थी. जिसके बाद अब यहां काम शुरू किया गया है. वहीं केन्द्री य मंत्री ने ये भी कहा कि सरकार ने मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ), सागरमाला योजना और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पकड़ने के लिए आधुनिक बंदरगाहों और मछली लैंडिंग केन्द्रों के डेवलपमेंट के लिए 7500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी है.
कैसे बनाया जाएगा इसे आधुनिक, जानें
मंत्री परशोत्तम रूपाला ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि योजना में किसी भी फिशिंग हार्बर को कई बिन्दुओं पर आधुनिक बनाने का प्लान है. हार्बर के आधुनिकीकरण के तहत शुरू होने वाली मुख्य गतिविधियों में एसी नीलामी हॉल, मछली ड्रेसिंग यूनिट, पैकेजिंग यूनिट, इंटरनल रोड कनेक्शन, लोडिंग और अनलोडिंग प्लेटफॉर्म, ऑफिस, डॉरमेट्री और फूड कोर्ट की स्थापना की जाएगी. इस परियोजना के तहत सार्वजनिक निजी भागीदारी में 55.85 करोड़ रुपये के कोल्ड स्टोरेज, स्लरी और ट्यूब आइस प्लांट, मल्टी-लेवल कार पार्किंग, रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट, फूड कोर्ट और खुदरा बाजार को बनाया जाएगा.
मछुआरों को योजना का लाभ कैसे मिलेगा
केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक परियोजना का फायदा जैसे कोचिन बंदरगाह पर 700 मछली पकड़ने वाली नौकाओं के नाविकों को होगा, इन नौकाओं से लगभग 10 हजार मछुआरों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मुहैया होगा. वहीं लगभग 30 हजार मछुआरों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजी कमाने में मदद भी इससे मिलेगी. आधुनिकीकरण परियोजना से इस क्षेत्र में स्वच्छता की स्थितियों में भी पर्याप्त सुधार होने की संभावा है. जिससे मछली और मत्स्य उत्पादों के निर्यात से आय में वृद्धि में होना लाजिमी है.
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