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NDRI: देश में प्रति व्यक्ति दुग्ध की उपलब्ध्ता 400 ग्राम से अधिक, अभी और बढ़ाने की जरूरत: परोदा

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कार्यक्रम में डा. आरएस परोदा का स्वागत करते संस्थान के कुलपति डॉक्टर धीर सिंह

नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान का 20वां दीक्षांत समारोह शुक्रपार को संस्थान के डा. डी.सुन्दरेसन सभागार में आयोजित किया गया. इस अवसर पर पदम भूषण डा. आरएस परोदा, पूर्व सचिव (डेयर) तथा महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं टास के अध्यक्ष ने दीक्षांत भाषण दिया. समारोह के मौके पर कुल 278 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई, जिनमें से 49 विद्यार्थियों को बीटेक की डिग्री, 127 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की डिग्री तथा 102 शोधकर्ताओं को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गईं.

कार्यक्रम में बताया गया कि संस्थान की ओर से अब तक 85 पेटेंट फाइल किए गए हैं जिसमें से उसे 49 प्रदान किए जा चुके हैं. संस्थान रोगों के नियंत्रण के माध्यम से प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहा है.डॉ. धीर सिंह ने यह भी बताया कि विगत वर्ष 100 से अधिक विद्यार्थियों को अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया. अभी हाल में ही विस्तार के क्षेत्र में कार्य करते हुए संस्थान ने कल्याणी, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे इलाकों में डेरी मेला का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्या में पशुपालक एवं पशुप्रेमी सम्मिलित हुए.

विद्यार्थियों से नौकरी के बजाय उद्यमी बनने की अपील की
दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक एवं कुलपति, मानद् विश्वविद्यालय, डाक्टर धीर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल उत्तम नस्ल के गोवंश एवं भैंसों को तैयार करने की दिशा में उन्नत कटिंग ऐज प्रौद्योगिकियों के माध्यम से कार्य कर रहा है. उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए उन्हें नौकरी के बजाय उद्यमी बनने की सलाह दी. डॉ सिंह ने कहा कि संस्थान मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में महत्व पूर्ण भूमिका निभाते हुए बीटेक (डेरी प्रौद्योगिकी) की डिग्री के साथ-साथ 14 विषयों में स्नातकोत्तर तथा 14 ही विषयों में पीएचडी की डिग्रियाँ विद्यार्थियों को प्रदान करता है।

पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में भी काम करने की जरूरत
दीक्षांत समारोह में बोलते हुए डाक्टर आरएस परोदा ने कहा कि राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान डेरी क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहा है. कृषि एवं डेरी क्षेत्र के लिए पोषण सुरक्षा को महत्वपर्ण चुनौती बताते हुए उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में तो हम काफी आगे आ गए हैं लेकिन अभी भी पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है.भारत के सतरंगी क्रांति पर चर्चा के अनुक्रम में किए गए कार्य का ही परिणाम है कि आज भारत वैश्विक औसत दुग्ध उपलब्धता से काफी आगे निकल आया है और आज यहां प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्ध्ता 400 ग्राम से अधिक है. खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा का परिणाम है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से आज तक औसत जीवन आयु बढ़ गई है. उन्होंने पर्यावरण में हो रहे परिवर्तनों की ओर भी सभी का ध्यान खींचते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों को ध्यान में रखते हुए हमें इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है.

इन्हें मिली मानद की उपाधि
डाक्टर केएम बुजरबरुआ पूर्व कुलपति, असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहट तथा डाक्टर डीवीके प्रकाशराव, प्रबंध निदेशक, प्रकाश फूडस एडं फीड प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई को संस्थान द्वारा मानद् उपाधि प्रदान की गई. डॉक्टेरयल कार्यक्रम 2022-23 के अंतर्गत सुश्री प्रिंयका, डेरी अभियांत्रिकी को स्वर्ण पदक, सुश्री मधु लथा. सी, कृषि विस्तार शिक्षा को रजत पदक तथा सुश्री एलिजाबेथ थॉमस, डेरी प्रौद्योगिकी को कांस्य पदक प्रदान किया गया.

इन्हें दिए गए मेडल
वर्ष 2022-23 के मास्टर्स कार्यक्रम के तहत अर्पणा राज, पशु पूर्णात्पादन, पशु चिकित्सा को स्वर्ण पदक, अखिल के, पशुपोषण को रजत पदक तथा अमृतांशु उपाध्याय, पशु आनुवांशिकी एवं प्रजनन को कांस्य पदक प्रदान किया गया. वर्ष 2022-23 के अंतर्गत बी.टेक (डेरी प्रौद्योगिकी) के छात्रों में से प्रीति रानी को स्वर्ण पदक, चेतन सोनी को रजत पदक तथा नर्सिंग को कांस्य पदक प्रदान किया गया. वर्ष 2022-23 डाक्टरल प्रोग्राम के तहत 14 विद्यार्थियों को अवार्ड ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किया गया जबकि 2022-23 के दौरान मास्टर्स कार्यक्रम के अंतर्गत 15 विद्यार्थियों को अवार्ड ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किया गया. इसी वर्ष के लिए बीटेक (डेरी प्रौद्योगिकी) के अंतर्गत 10 विद्यार्थियों को अवार्ड ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किया गया.

थीसिस अनुसंधान पर दिए अवार्ड
सर्वश्रेष्ठ थीसिस अनुसंधान अवार्ड के तहत डाक्टरल कार्यक्रम में डाक्टर गायत्री एस.लाल, पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन को सर्वश्रेष्ठ थीसिस अनुसंधान पुरस्कार प्रदान किया गया जबकि प्रसंस्करण समूह में बसव प्रभु एच.एन को तथा मंजूनाथ के वी को सर्वश्रेष्ठ थीसिस अनुसंधान अवार्ड प्रदान किया गया. मास्टर्स प्रोग्राम 2022-23 के अंतर्गत दिब्याश कर को उत्पादन समूह में सर्वश्रेष्ठ थीसिस पुरस्कार, मनन प्रीत सिंह को प्रसंस्करण समूह में जबकि शीतल बेरी को समाज विज्ञान और प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ थीसिस अनुसंधान अवार्ड प्रदान किया गया. डेरी प्रौद्योगिकी प्रभाग को वर्ष 2023 का सर्वश्रेष्ठ प्रभाग पुरस्कार प्रदान किया गया.

कार्यक्रम में ये अधिकारी रहे उपस्थित
दीक्षांत समारोह के मौके पर डाक्टर मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति, गोविंदवल्लभ पंत, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति, पदृमश्री डाक्टर एमएल मदन, डाक्टर एस एल.गोस्वामी, पूर्व कुलपति, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, प्रबंधन बोर्ड के सम्मानित सदस्य, आईसीएआर के अनेक संस्थानों के निदेशक, संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक), संयुक्त निदेशक(अनुसंधान), संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एवं वरिष्ठ कुलसचिव, विशिष्ट अतिथिगण, प्रभागों के अध्यक्ष, संकाय, अधिकारी एवं कर्मचारी, छात्रों और उनके गौरवान्वित माता-पिता भी उपस्थित थे.

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