नई दिल्ली. केंद्र सरकार फिशरीज सेक्टर को मजबूत कर रही है. इसी क्रम में मछली पकड़ने वाले मछुआरों से लेकर फिश फार्मर तक को इसका फायदा हो रहा है. सरकार की तरफ से फिशरीज सेक्टर से जुड़े लोगों को मजबूती देने के मकसद से राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) की शुरुआत की गई है. मछुआरों और मछली पालकों को इसके तहत तमाम फायदे पहुंचाए जा रहे हैं. बता दें कि इसके तहत PM-MKSSY जैसी सरकारी योजनाओं तक पहुंच, जैसे लोन, बीमा सब्सिडी और वित्तीय सहायता भी मिल रही है.
आपको यहां ये भी बताते चलें कि यह एक डिजिटल रजिस्ट्री के माध्यम से प्रशिक्षण, बाजार संपर्क और सूचना सेवाएं भी देता है. ताकि अनौपचारिक सोर्स पर निर्भरता कम हो जाती है. इसके अलावा वित्तीय सुरक्षा में सुधार होता है और मत्स्य पालन क्षेत्र में टिकाऊ, उत्पादक और पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा मिलता है.
क्या-क्या फायदे हैं
एनएफडीपी विशेष रूप से मछली पालन क्षेत्र के लिए तमाम सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक मछली पालकों की पहुंच आसान बनाता है. इसके लिए ये एक डिजिटल गेटवे के रूप में काम करता है.
मछुआरों और मछली किसानों को आसानी से लोन और सब्सिडी की सुविधा मिल जाए, इसमें भी एनएफडीपी से मदद मिलती है. इससे वित्तीय सुरक्षा में सुधार होता है और अनौपचारिक लोन पर निर्भरता कम होती है.
ये प्लेटफॉर्म तमाम तरह के बीमा तक पहुंच की सुविधा देता है. फसल चक्रों के लिए पीएम-एमकेएसएसवाई के तहत जलीय कृषि बीमा के लिए 40 फीसद प्रीमियम सब्सिडी भी इसमें शामिल है.
मछुआरों की मोबाइल ऐप से डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अहम जानकारी, बाजार और सरकारी फायदों तक पहुंच आसान हो जाती है.
एनएफडीपी के जरिए तमाम टेक्नोलॉजी एक प्लेटफॉर्म पर आ जाती है. वहीं इससे वेस्ट मैनेजमेंट करके बेहतर मछली प्रबंधन करने में मदद मिलती है.
ये प्लेटफार्म उत्पादकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ मछुआरों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में एकजुट करके किसानों और मछुआरों की आय में इजाफा करता है.
निष्कर्ष
कुल मिलाकर कहा जाए तो ये प्लेटफॉर्म प्रशिक्षण कार्यक्रम समेत तमाम सुविधाएं भी देता है और मछुआरों से लेकर मछली पालकों के लिए ये बेहद ही फायदेमंद है.
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