नई दिल्ली. गुजरात के आनंद शहर में भारत का पहला पनीर महोत्सव 2025 का आयोजन किया गया. जहां पनीर की बढ़ती मांग को देखते हुए इस सेक्टर में संभावानाओं पर गहन चर्चा हुई. वहीं अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ के भारतीय राष्ट्रीय समिति द्वारा पशुपालन और डेयरी विभाग, कृषि मंत्रालय और एनडीडीबी के सहयोग से आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में बेंगलुरु दूध संघ ने पक्की चेडर पनीर (6 महीने) कैटेगरी में पुरस्कार जीता. जबकि मदर डेयरी फ्रूट और वेजिटेबल लिमिटेड (मदर डेयरी) और इंदापुर डेयरी और दूध उत्पाद लिमिटेड ने मिलकर अनपकी मोजेजेला डाइस श्रेणी में पुरस्कार जीता.
विवांडा गोरमेट (एलिफ्टेरिया पनीर) ने इनोवेटिव बेल्पर नॉले स्टाइल पनीर काली मरी और गैर-गाय के दूध के पनीर (फेटा) के लिए पुरस्कार जीतकर दो बार विजेता के रूप में उभरी है. चुरपी.इन को भारत के कारीगर पनीर (पारंपरिक) श्रेणी में चुरपी के लिए मान्यता मिली.
इन्हें किया गया सम्मानित
डॉ. सुरेश कुमार कनौजिया, पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक, एनडीआरआई, डॉ. अतनु जना, पूर्व प्रमुख, एसएमसी डेयरी विज्ञान कॉलेज, कौशल वैष्णव, व्यावसायिक प्रबंधक, दक्षिण एशिया, नोवोनेसिस, राकेश कुमार, शेफ, मधुभवन, आनंद और डॉ. आदित्य जैन, डीजीएम, एनडीडीबी, को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया.
वहीं इस दौरान एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश सी शाह ने संगठित डेयरी क्षेत्र की पनीर में अपने बाजार हिस्से को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि ये तब बेहद जरूरी है जब भारत के विकसित डेयरी क्षेत्र में बढ़ती संभावनाएं हैं.
उन्होंने इस क्षेत्र में अधिक नवाचार और सहयोग के लिए मंच तैयार करते हुए देश में पहली बार पनीर महोत्सव का आयोजन करने पर एनडीडीबी पर गर्व भी व्यक्त किया.
भागीदारों ने पुरस्कार समारोह के दौरान उत्साहपूर्वक अपने अनुभव साझा किए.
वहीं इस दौरान भारत के पनीर क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं को उजागर करते हुए और प्रतिभागियों की नवाचार, गुणवत्ता और बाजार वृद्धि को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए हुआ.
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