Home डेयरी Fodder: गडवासु के साइंटिस्ट बोले- पराली में ये 5 चीज मिलाकर बनाएं चारा, खूब दूध देंगी गाय-भैंस
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Fodder: गडवासु के साइंटिस्ट बोले- पराली में ये 5 चीज मिलाकर बनाएं चारा, खूब दूध देंगी गाय-भैंस

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पराली खाते पशु.

नई दिल्ली. पराली जलाना एक बड़ी परेशानी है. पंजाब में हर साल बड़ी मात्रा में धान की पराली पैदा होती है, जिसका इस्तेमाल पशुओं के चारे में किया जा सकता है, जिससे डेयरी फार्मिंग को फायदेमंद बढ़ा सकती है. आमतौर पर धान की पराली का इस्तेमाल पशुओं के शेड और बिस्तर बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसे यूरिया और गुड़ से उपचारित करके पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. ये जानकारी गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के पशु पोषण विशेषज्ञ डॉ. जेएस लांबा ने दी है.

उन्होंने बताया कि एक किसान 30 लीटर पानी में 1 किलो यूरिया और 3 किलो गुड़ मिलाकर घोल तैयार कर सकता है. यूरिया और गुड़ के घोल को 1 क्विंटल धान की पराली पर छिड़कें या स्प्रे करें और इसे ट्रांगली या टोटल मिक्स्ड राशन मशीन में इस तरह से मिलाएं कि धान की पूरी पराली यूरिया गुड़ के घोल से भीग जाए. मिलाने के 15 मिनट बाद यह पशुओं को खिलाने के लिए तैयार हो जाएगा. धान की पराली में 25 ग्राम नमक और 50 ग्राम खनिज मिश्रण मिलाकर इसे दुधारू पशुओं को हरे चारे और सांद्र मिश्रण के साथ 2 किलोग्राम प्रतिदिन की दर से प्रयोग किया जा सकता है. सूखे पशुओं के लिए इसे हरे चारे के साथ 4-5 किलोग्राम प्रतिदिन की दर से खिलाया जा सकता है.

पराली खिलाने का है ये फायदा
धान की पराली के फायदे बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे धान की पराली की पौष्टिकता बढ़ती है, क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है. उपचारित पराली मुलायम और अधिक स्वादिष्ट हो जाती है. गेहूं के भूसे की तुलना में धान की पराली सस्ती होती है, जिससे चारे की लागत कम आती है. यूरिया उपचारित धान की पराली खिलाने से छोटे पशुओं की वृद्धि बढ़ती है और दुधारू पशुओं का दूध उत्पादन भी बढ़ता है. पर्यावरण स्वच्छ रहता है, क्योंकि धान की पराली को खेत में नहीं जलाया जाएगा.

इस उम्र के पशुओं को न खिलाएं
उन्होंने किसानों को कुछ सावधानियां बरतने के लिए भी आगाह किया. 6 महीने से कम उम्र के बछड़ों को यूरिया उपचारित धान की पराली कभी न खिलाएं. पशु आहार में यूरिया उपचारित धान की पराली का प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि सांद्रित राशन में यूरिया की मात्रा अधिक न हो. यदि उपचारित धान की पराली में फफूंद लग गई है तो उसे पशुओं के चारे में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. घोड़ों और सूअरों को यूरिया उपचारित धान की पराली नहीं खिलानी चाहिए. यूरिया उपचारित धान की पराली के दीर्घकालिक उपयोग के लिए सिफारिश के अनुसार राशन में खनिज मिश्रण मिलाएं.

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