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Animal Husbandry: खतरे में है दिल्ली एनसीआर के पेट्स की जान, पशु चिकित्सक का खुलासा

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नई दिल्ली. क्या आप अपने घर में बिल्ली या डॉग को पालते हैं. जब वो बीमार हो जाता है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाते हैं. क्या आप जिस डॉक्टर के पास उसका इलाज कराने ले जा रहे हैं वो डॉक्टर डिग्रीधारक है. अगर नहीं हो तो आप अपने पालतू जानवर और खुद अपने के लिए नुकसान कर रहे हैं. ऐसा हम नहीं ​हाल ही में दिल्ली में किए गए सर्वे में ये खुलासा हुआ है कि बिना डिप्लोमा और डिग्रीधारक डॉक्टर आपके पालतू जानवरों का गलत इलाज कर रहे हैं.

दिल्ली के डॉक्टर अजय कुमार और उनकी टीम ने यह सर्वे करीब आठ महीने में किया है, जिसमें डॉक्टर अजय कुमार द्वारा अलग-अलग सबूत इकट्ठे किए गए हैं, किस तरह से पशु चिकित्सा क्षेत्र में बेजुबानों (Dog, Cat, Rabbit , Birds and Other) के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. रोगी के इलाज कि बजाय उसको और बीमार किया जा रहा है एवं उनके मालिक के विश्वास और भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

बेजुबानों की जान से खिलवाड़
दिल्ली NCR के अधिकतम पशु चिकित्सालयों (Pet clinics) में जिनके पास पशु चिकित्सा से संबंधित किसी भी तरह की डिग्री नहीं, डिप्लोमा नहीं, वह लोग सारा इलाज कर रहे हैं, जिससे बेजुबानो (Animals) को बहुत यातनाएं झेलनी पड़ रही है. जिनके पास पशु चिकित्सा से संबंधित किसी भी तरह की योग्यता नहीं है, वह लोग इलाज के दौरान बहुत बड़ी बड़ी गलतियां करते हैं जैसे-

कैसे हो रहा गलत इलाज
इंजेक्शन (injection) कहां पर लगाना है और इंजेक्शन लगाते समय स्वच्छता (Hygine) का कितना ध्यान रखना है, और इंजेक्शन मांशपेशियों (Muscle) या नाड़ी (Vein), तंत्रिका (Nerve), हड्डी (Bone) में लग रहा है या नहीं, उनको इस तरह की बातों का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं रहता है.


ड्रिप लगाना तक नहीं आती
इसी तरह से जब नाड़ी (Vein) में drip लगाते समय वह इतनी बार पंचर (Penetrate) करते हैं कि लगभग नाड़ी को काट देते हैं और जो हवा बटर फ्लाइ में होती है, उसको नहीं निकालते और आईवी सेट से हवा नहीं निकालते हैं जिससे पशु की जान भी जा सकती है.

ग्लूकोज चढ़ाने तक की जानकारी नहीं
डॉ अजय कुमार ने बताया कि मैंने खुद देखा है कि उनको यह तो बिल्कुल भी पता नहीं रहता है कि कितना ग्लूकोज (Fluids- DNS,RL,NS) चढ़ाना है, किस बीमारी में कौन सी ग्लूकोज देनी है, कौन सी नहीं देनी है. वह सिर्फ अंदाज से सबको एक ही तरह से इलाज करते हैं. वैक्सीन से संबंधित उनको कोई भी जानकारी नहीं रहती है इसलिए वैक्सीन ठंडी हो या गर्म हो या expiry हो वह लोग लगा देते हैं.

गलत इंजेक्शन से बन रही गांठें
इसी तरह से ऐसे लोग 3-4 अलग-अलग दवाइयां को एक ही इंजेक्शन में मिलाकर लगा देते हैं. उनको इन दवाओं के आपस में होने वाले रिएक्शंस का ही पता नहीं होता है और वह पशु में जाकर के रिएक्शन करती है, जिससे पशुओं में इंजेक्शन लगने वाली जगह पर गांठ बन जाती है एवं पशु के स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचाती हैं.

एक ही सिरिंज में कई दवा भर देते हैं
कुछ लोग 3-4 दवाइयां को मिलाकर के एक इंजेक्शन में रख लेंगे, जब उनको कहीं पर होम विजिट पर जाना होता है तो इसको वह कुछ घंटे के बाद या अगले दिन पशु को लगाएंगे, ये इंजेक्शन पशु को कितना नुकसान करेगा, इस बात से उनको कोई भी फर्क नहीं पड़ता है.

फ्रिज की दवा को बाहर रखकर घूमते हैं
बहुत सी दवाइयां को फ्रिज में रखना होता है लेकिन वह लोग उनको फ्रिज में नहीं रखते हैं काफी दिनों से बाहर रखी रहती है, उनका कलर चेंज हो जाता है, खराब हो जाती है इसी दवाई को पशु में लगा देते हैं एंव यहां तक की जो एक्सपायरी दवाइयां होती है उनको भी पशुओं में लगा देते हैं.जब वह लोग किसी पशु के इलाज के दौरान या घर के लिए दवाइयां देते हैं तो वह लोग जितनी मात्रा में दवाई देनी चाहिए उससे ज्यादा दवाई देंगे या फिर उससे कम दवाई देंगे. दोनों ही मात्रा में पशु को नुकसान पहुंचता है क्योंकि उनको नहीं पता होता है कितनी मात्रा में दवाई देनी है.

किस उम्र क्या दवा देनी है, पता ही नहीं
किसी भी तरह की दवाइयों की सलाह देंगे, जिन दवाई की जरूरत नहीं है, उनकी सलाह देंगे. उम्र का ध्यान नहीं रखते हैं, किस उम्र में कौन सी दवा देनी चाहिए, वह लोग सिर्फ एक ध्यान रखते हैं कैसे क्लिनिक की कमाई ज्यादा हो।

एक इंजेक्शन लगाकर दो के पैसे वसूल रहे
पेट्स क्लीनिक में ऐसा भी हो रहा है जैसे एक ही दवा Doramectin) दो काम (Deworming, Anti Tick) कर रही है इंजेक्शन एक ही दवा का दिया जा रहा है और पैसे दो इंजेक्शनों के लिये जा रहे हैं इसलिए एक इंजेक्शन (Avilin) ऐसे ही लगाया जा रहा है, ताकी दो इंजेक्शनों के पैसे लिये जा सके.

दवाओंं का परीक्षण आपके जानवर पर
ऐसा भी हो रहा है, जो आप सोच भी नहीं सकते, अगर एक व्यक्ति कि खुद की दवाइयों की कंपनी है, उनके क्लिनिक्स भी है तो वह अपनी दवाइयां को बेचने के लिए क्या-क्या कर सकता है, आपके जान से प्यारे पशु के ऊपर उनकी दवाइयों का परिक्षण किया जा रहा है, उस दवाई से स्वास्थ्य पर क्या असर होगा, उसकी उनको कोई परवाह नहीं है. नई दवाइयों, शैंपू, खाने के सैंपलों से आपके पशुओं पर परिक्षण किया जा रहा है.

10 th , 12 th पास कर रहे जांचों पर हस्ताक्षर
स्वास्थ के चेकअप के लिए जो टेस्ट किए जाते हैं उनकी रिपोर्ट पर पैथोलॉजिस्ट कि जगह पर, 10 th , 12 th पास व्यक्ति ग़ैर क़ानूनी तरीके से हस्ताक्षर कर रहे हैं.

गलत सलाह दे रहे
रिसेप्शनिस्ट को दवाइयों, मेडिकेटेड शैंपू, मेडिकेटेड खाना और अन्य से संबंधित जानकारी नहीं होती है, इसलिए वह लोग केवल ज्यादा बिल बनाने के लिए गलत सलाह देते हैं.

एक्सपाइरी दवा लगा रहे
पेट्स शाॅप में पशुओं को गलत वैक्सीन और एक्सपाइरी वैक्सीन लगाई जा रही हैं जैसे- Pet villa , Kamla Nagar , Delhi NCR and etc. इनकी ऐसी कई शिकायत आने पर, पेट पेरेंट्स के कहने पर, पेट पेरेंट्स के साथ एक वीडियो बनाई है.

ऐसे करें संपर्क
अलग-अलग तरीकों से पशुओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, सभी बातों को यहां पर बताना मुश्किल है. इसलिए ज्यादा जानकारी के लिए एंव किस तरह से इन लोगों से बचा जा सके, इसके लिए डॉ अजय कुमार से संपर्क उनके इस मोबाइल नंबर-8440903246 पर करें.

कई तरह से जमा किए सुबूत
जब सर्वे किया जा रहा था , तब अलग-अलग क्लीनिक में उनके कर्मचारियों द्वारा अलग-अलग बातें कहीं जा रही थी, वह बहुत ही आश्चर्यजनक और निराशाजनक थी. इन सभी बातों के सबूत के रूप में डॉ अजय कुमार के पास ओडियो, विडियो, फोटो उपलब्ध है.

डिग्री नहीं, सिर्फ अनुभव के आधार पर कर रहे इलाज
डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि बहुत सारे क्लीनिक्स के कर्मचारियों ने कहा कि इलाज के लिए कोई डिग्री, डिप्लोमा की जरूरत नहीं है. कोई तीन साल, कोई छह साल से काम कर रहा हैं, कोई 10 साल से तो कोई 15 साल से काम कर रहा है. अभी तक किसी तरह की कोई समस्या नहीं आई है, क्योंकि जब उनसे लोग पुछते है, तो वह झुठ बोल देते हैं की हां मेरे पास डिप्लोमा (Para Vet qualification) है.

फर्जी डिग्री के सहारे चल रहा गोरखधंधा
डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि एक क्लीनिक में तो हद ही हो गई जब पूछा कि आपके पास कौन सी उपाधि है तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर की है, जब आगे पूछा गया कहां से की गई है डिग्री, तो बताया गया बीकानेर से की गई है, बताने वाले को यह पता नहीं था की पूछने वाला भी बीकानेर से डिग्री किए हुए हैं, जबकि उनके पास डॉक्टर की डिग्री नहीं थी.इस तरह से बहुत से क्लीनिक में झूठ बोलते हैं हमारे सर्वे के दौरान कुछ क्लीनिक में पाया गया कि वह लोग झूठ बोल रहे हैं, सच नहीं बता रहे हैं क्योंकि उनको इसकी थोड़ी आशंका हो गई थी कि यह लोग कुछ हमसे जानना चाहते हैं.

नेपाल के लोग भी कर रहे पेट एनिमल का इलाज
गैरकानूनी तरीके से नेपाल के लोग बिना डिप्लोमा किये क्लीनिक्स में इलाज कर रहे हैं जबकि भारत के लोगों को जिन्होंने डिग्री, डिप्लोमा कर रखा है उनको रोजगार नहीं मिल रहा है.

ऐसे लोगों के खिलाफ शिकायत करें
डॉ. अजय कुमार द्वारा महीनों के सर्वे के बाद सबूत इकट्ठे करके यह रिपोर्ट पब्लिश की है ताकि आगे बेजुबानो एवं लोगों के साथ खिलवाड़ नहीं हो सके. इन सभी ग़ैर क़ानूनी कार्यों के डॉ अजय कुमार के पास ओडियो, फोटो, विडियो के रूप में सबूत है. गैर कानूनी तरीके से कार्य को नहीं रोकने पर, लोग एक दूसरे को देखकर, ज्यादा गैरकानूनी कार्य कर रहें है. इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज को उठाएं. जहां पर भी आपको थोड़ा भी शक हो इनके खिलाफ एक्शन लें.

ऑनलाइन फ्री परामर्श दिया जा रहा
डॉ अजय कुमार द्वारा राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन फ्री परामर्श उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिससे उनकी सभी जगह के लोगों से बातें होती है और वहां से पता लगता है कि किस तरह से स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इसलिए इस तरह के सर्वे सभी क्षेत्रों में करने चाहिए ताकि लोग इनके खिलाफ आवाज उठा सके एवं इन क्षेत्रों में सुधार हो सके, तभी जाकर सभी लोगों के साथ न्याय हो पाएगा.

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