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PM Modi ने किया ऐलान, 6 साल में खत्म कर देंगे पशुओं की ये बीमारी

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. इसमें कोई शक नहीं है कि पशुओं में तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) बहुत ज्यादा खतरनाक बीमारी है. ये बीमारी पशुओं की जान भी ले लेती है. जबकि पशु दूध भी कम देने लगते हैं. ये बीमारी ऐसी है कि गर्भाधान प्रक्रिया से गुजर रहे जानवर को हो जाए तो अजन्मे बछड़े को चपेट में ले लेती है. यही वजह है कि भारत सरकार इस खतरनाक बीमारी को अगले अगले 6 साल में पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में काम कर रही है.

वहीं पीएम मोदी ने 4 अप्रैल को बिहार के जमुई में रैली में कहा कि हमने पशुधन रक्षा का संकल्प लिया है और उनकी सरकार इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए टीकाकरण अभियान चला रही है. इस दौरान पीएम ने कहा कि बीजेपी सरकार इंसानों की सेवा तो कर ही रही है. साथ ही पशुधन की भी रक्षा करने की दिशा में भी काम कर रही है. दावा किया कि केंद्र सरकार ने बिहार के करीब 2 करोड़ पशुओं को खुरपका-मुंहपका बीमारियों से बचाने के लिए मुफ्त में टीकाकरण का अभियान चलाया है. आगे भी टीका पशुओं को मुफ्त में लगाया जा रहा है.

साल 2030 तक खत्म कर देंगे ये बीमारी
गौरतलब हे कि पीएम मोदी ने फरवरी में गुजरात में एक कार्यक्रम में खुरपका-मुंहपका रोग के कारण मवेशियों को होने वाली परेशानियों और इससे पशुपालकों को होने वाले नुकसान को लेकर कहा था कि सरकार प्रयास कर रही है कि इसपर अंकुश लगाया जाए. प्रधानमंत्री ने कहा था कि 15,000 करोड़ रुपये की लागत से खुरपका-मुंहपका की रोकथाम के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि इस अभियान के तहत फरवरी तक 7 करोड़ से ज्यादा पशुओं को वैक्सीनेट किया गया है. हम 2030 तक खुरपका-मुंहपका रोग को जड़ से खत्म करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.

खुरपका और मुंहपका बीमारी
पशुधन को होने वाली खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी) एक खतरनाक बीमारी है.
इस बीमारी की वजह से दूध उत्पादन कम हो जाता है.
बीमारी होने पर पशु के मुंह में फफोले हो जाते हैं और बुखार आने लगता है.
पशुओं के पैरों के खुरों के बीच संक्रमण हो जाता है.
यह रोग स्वस्थ पशु के बीमार पशु के सीधे संपर्क में आने से फैलता है.
ये खतरनाक रोग हवा के संपर्क में आने पर भी फैल सकता है.
इसके वायरस बीमार पशु की लार, मुंह, खुर थन में पड़े फफोलों में अधिक संख्या में पाए जाते हैं.

बचाने के क्या करना चाहिए
पशुओं को खुरपका और मुंहपका बीमारी से बचाने चाहते हैं तो संक्रमित पशुओं से दूर रखें. बचाव के लिए 3 माह के ऊपर के सभी पशुओं को वर्ष में एक बार जरूरी वैक्सीन लगवाएं.
पशुओं को बारिश में ये बीमारी ज्यादा लगती है. जरूरी एहतियात करें.
बीमरी लग जाए तो पशु के इलाज के लिए पशु चिकित्सक से संपर्क करें.

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