नई दिल्ली. खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) टीकाकरण के दूसरे चरण में बड़ी सफलता मिलने और व 12 राज्यों में तीसरा चरण भी पूरा होने के बाद अब भारत के कई राज्यों को एफएमडी फ्री जोन किया जा सकता है. जल्द ही इंटरनेशन लेवल पर एफएमडी फ्री जोन घोषित कराने की प्रोसेस शुरू हो जाएगी. अगर ऐसा होता है तो डेयरी और मीट एक्सपोर्ट सेक्टर को फायदा होगा क्योंकि डिमांड में तेजी आएगी. जिसका फायदा देशभर के पशुपालकों को होगा. चहीं एफएफडी बीमारी को लेकर पीएम मोदी ने बिहार में ऐलान भी किया है कि 2030 तक इस बीमारी पर काबू पा लेंगे.
बात की जाए एफएमडी वैक्सीनेश की तो साल 2020-21 में 16.91 करोड़ पशुओं का ही वैक्सीनेट किया जा सका था. तब कहा गया था कि कुछ तकनीकी कमी की वजह से ऐसा हुआ. हालांकि टीकाकरण का दूसरा और तीसरा चरण आते-आते ही इसमें तेजी आई. जबकि पशुपालकों में खासी जागरुकता देखने को मिली थी. लोग टीकाकरण कराने के लिए खुद से सामने आने लगे. जिसका फायदा ये हुआ कि ज्यादातर राज्यों में बड़े ही उत्साह और तेजी के साथ दूसरे चरण के लक्ष्य को हासिल कर लिया. दूसरे चरण में 25.01 करोड़ पशुओं जिसमें 24.18 गाय-भैंस का एफएमडी का टीका लगाया गया था.
12 करोड़ पशुओं को लगाई वैक्सीन
इस पूरे अभियान में सबसे अच्छी बात ये निकलकर सामने आई कि दक्षिण भारत के ज्यादातर राज्यों समेत 24 राज्यों ने तो दूसरे चरण के लक्ष्य को अपने तय वक्त से पहले पूरा कर लिया है. अब इससे जुड़े एक्सपर्ट कह रहे हैं कि देश के 12 राज्यों में एफएमडी टीकाकरण का तीसरा चरण पूरा हो चुका है. जबकि 17 राज्यों में अभी तीसरे चरण का टीकाकरण किया जा रहा है. वहीं मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तीसरे चरण के वैक्सीनेशन अभियान में 12 करोड़ पशुओं का वैक्सीनेट किया जा चुका है. वहीं छह राज्यों में तो चौथे चरण का आगाज हो गया है. जिसके नतीजे में 4.22 करोड़ वैक्सीन पशुओं के लिए भेजी गई है.
इन राज्यों में पूरा हो चुका है तीसरा चरण
मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक जिन राज्यो में तीसरा चरण पूरा कर लिया गया है उसमें केरल, आंध्रा प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, गोवा, लद्दाख, महाराष्ट्र्, दिल्ली, चंडीगढ़, ओडिशा और लक्ष्यदी शामिल हैं.जबकि गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मूक-कश्मीार, अंडमान-निकोबार, मध्यक प्रदेश, पंजाब, राजस्थादन, सिक्किम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल और झारखंड में अभी तीसरा चरण चल रहा है. इसके भी जल्द ही पूरा होने की उम्मी की जा रही है.
पांच कारणों से जल्दी फैलता है एफएमडी रोग
एफएमडी बीमारी पशुओं की सबसे खतरनाक बीमारी में से एक है. ये एनीमल एक्सपर्ट कहते हैं कि ये बीमारी दूषित चारा और दूषित पानी पीने से पशुओं में फैल जाती है. बरसात के दौरान खासतौर पर पशु खुले में चरने के दौरान इसके वायरस पशुओं में फैलते हैं. तब पशु दूषित चारा-पानी खा और पी लेते हैं. खुले में पड़ी कुछ सड़ी-गली चीजें खाने से भी इस बीमारी का फलाव बढ़ता है. फार्म पर नये आने वाले पशु से भी ये बीमारी लगने का खतरा रहता है. पहले से ही एफएमडी से पीड़ित पशु के साथ रहने से भी हो जाती है.
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