नई दिल्ली. केंद्र सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चल रही है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत आइस बॉक्स और ई-रिक्शा खरीदने के लिए सरकार की ओर से मछली पालकों की मदद की जा रही है. अगर आप भी मछली पालक हैं तो सरकार की इस योजना का फायदा उठाकर अपने कारोबार को आगे बढ़ा सकते हैं और आप मछली पालन में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. सरकार की ओर से इस योजना के तहत लागत पर तकरीबन 40 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं अनुसूचित जाति महिला लाभार्थियों को फीसदी तक अनुदान मिलेगा.
केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना के तहत भारत सरकार ने इस इकाई के लिए 3 लाख रुपये प्रति यूनिट की दर तय की है. जिसके तहत समान्य वर्ग के लोगों को 40 फीसदी और अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लोगों को 7 फीसदी सब्सिडी देने की बात कही गई है. इसके लिए कोई भी शुल्क नहीं सरकार की ओर से नहीं लिया जाएगा. हालांकि योजना का फायदा उठाने के लिए कुछ कागजात और पात्रता का होना भी जरूरी है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
जानें कब मिलेगा सब्सिडी का पैसा
योजना के लिए आवेदन करने वाले के पास परिवार का पहचान पत्र होना जरूरी है. फायदा पाने वाले को केवल एक ई-रिक्शा आइस बॉक्स जो मछली बेचने के काम में आता है उसपर ही अनुदान दिया जाएगा. सरकार की ओर से कहा गया है कि केंद्रीय सहायता सिर्फ तभी दी जाएगी जब मछली बेचने की गतिविधि शुरू होगी. यहां सरकार ने अपनी ओर से एक शर्त पर लगा रखी है, जिसके तहत भारत सरकार और हरियाणा सरकार मछली परिवहन सुविधाओं के खरीद संचालन और रख रखाव प्रबंधन पर होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी. लाभार्थी को यह सुनिश्चित करना होगा कि मछली परिवहन सुविधाओं को जारी स्थिति में बनाए रखा जाएगा.
इन कागजात की पड़ेगी जरूरत
इस योजना का फायदा लेने के लिए लाभार्थी को बर्थ सर्टिफिकेट, मतदाता कार्ड, डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और हाईस्कूल का सर्टिफिकेट देना होगा. वहीं जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा जारी होना चाहिए. विभाग और लाभार्थी के बीच अनुबंध पत्र पर भी सिग्नेचर होना जरूरी है. आवेदन करने वाले को मछली ट्रेनिंग लेना जरूरी है. फायदा पाने वाले को ई—रिक्शा की बॉक्स के साथ फोटो देनी होगी. बैंक खाते और पैन कार्ड की भी डिटेल देनी होगी. वहीं ड्राइविंग लाइसेंस और बीमा की फोटो कॉपी भी लगानी होगी. बिल रिसीवर वाउचर भी देना होगा.
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