नई दिल्ली. भारत में सरकार पशुपालन, मछली पालन और मुर्गी पालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. यही वजह है कि एक बहुत बड़ी आबादी पशुपालन, मछली पालन और मुर्गी पालन में आगे आ रही है. बहुत से किसान मुर्गीपालन करके भी अच्छी आमदनी हासिल कर रहे हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस जगह पर मुर्गियों को रखा जाता है, उसे पोल्ट्री फार्म कहते हैं. यहां मुर्गियों के लिए खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जाती है. मुर्गियों के लिए अंडे सेने की भी यहां पर व्यवस्था करनी पड़ती है. ताकि अंडों से हैल्दी चूजे निकलें. अगर आप भी मुर्गियों से हैल्दी चूजे चाहते हैं और आपको नहीं पता है कि ये कैसे होगा तो यहां हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी देंगे.
एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गी पालन मुनाफे का सौदा है लेकिन अगर सटीक जानकारी नहीं है तो पोल्ट्री फार्मर्स को इसमें नुकसान भी हो जाता है.
क्या-क्या करना है जानें यहां
-मुर्गी जो अंडे देती है, उसके सेलेक्शन से पहले अंडों की अंदर की गुणवत्ता का परीक्षण करना बेहद जरूरी है. जहां बिजली उपलब्ध है वहां पर केलिंग लैंप द्वारा अंडों की रोशनी के सामने रखकर इसका परीक्षण किया जाता है. अंडे की जर्दी का बीच वाला हिस्सा होना चाहिए. दो जर्दी वाले अंडे, मांस, खून के धब्बे वाले अंडे बड़े या वायु कोष वाले अंडों का चुनाव नहीं करना चाहिए.
-गर्मी में चूजे निकालने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले अंडे अगर तीन से चार दिन से ज्यादा पुराने हो गए हैं तो इनका सेने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. जैसे-जैसे अंडा पुराना होता जाता है, चूजे निकलने की संभावना कम हो जाती है. अंडे ताजा हैं या पुराने इसकी जांच के लिए एक बाल्टी में पानी भरकर उसमें अंडों को डालें. नीचे बैठ गए तो ताजा और ऊपर तैरने लगे तो पुराने मानें जाते हैं.
-सेने के लिए अंडों का साफ होना बेहद जरूरी है. गंदे अंडे का इस्तेमाल सेने में नहीं करना चाहिए. गंदगी अगर कम है तो उसे कपड़े से साफ करने के बाद ही प्रयोग में ला सकते हैं. अंडे की गंदगी साफ करने के लिए कभी भी उसे पानी से रगड़कर साफ नहीं करें. ऐसा करने से अंडे में छेद हो जाता है और चूजा उत्पादन पर असर पड़ता है.
-अच्छी नस्ल के चूजों को हासिल करने के लिए उत्तम नस्ल की मुर्गियां का ही अंडा इस्तेमाल करें. ताकि पोल्ट्री फार्म पर मुर्गियों की नस्ल में सुधार किया जा सके और ज्यादा उत्पादन लिया जास सके.
-मुर्गियां 5 माह की उम्र में अंडा उत्पादन करना शुरू कर देती हैं. जिन मुर्गियों के सेने के लिए अंडे हासिल करना है, उनकी उम्र 8 महीने से कम या 18 महीने से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि 6 से 8 मुर्गी समूह में एक नर जरूर रखें.
-हर दिन हासिल अंडों को सेने के लिए इस्तेमाल करने तक ठंडी और नमी वाली जगह पर सुरक्षित स्टोर करना चाहिए. सेने के लिए चुने गए अंडों का स्टोरेज 16 से 17 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान और साथ में नमी वाली जगह पर 3 से 7 दिनों तक प्रभावित किए बिना किया जा सकता है.
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