नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग एक बेहद बेनिफिट देने वाला काम है. इसे करके आप अच्छी इनकम हासिल कर सकते हैं. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि जब आप एक बार मुर्गी पालन का काम करते हैं और उसे इनकम हासिल हो जाती है तो जाहिर सी बात है कि उसे दोबारा भी करना चाहते होंगे. पोल्ट्री फार्मर्स के अनुसार इस दौरान कुछ खास बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है. तभी अगली बार मुर्गी पालन में फायदा मिलता है और मुर्गी पालन के काम में अच्छी कमाई होती है, अगर इन बातों का ध्यान नहीं देते हैं तो फिर नुकसान का खतरा रहता है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक एक बार मुर्गी पालन करके उत्पादन लेने के बाद जब दोबारा मुर्गी पालन का काम शुरू किया जाता है तब इसमें गैप रखने की जरूरत होती है और यह बेहद जरूरी प्रक्रिया है. एक्सपर्ट के मुताबिक मुर्गी पालन में 10 से 12 दिन का गैप रखना चाहिए. उसके बाद ही दोबार मुर्गी पालन के लिए चूजे लेकर आना चाहिए, तभी इससे फायदा होगा.
पोल्ट्री फार्मिंग में हो सकता है नुकसान
पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि बहुत से फार्मर्स यह गलती कर देते हैं कि एक बैच का उत्पादन लेने के बाद तुरंत ही दूसरी बैच की फार्मिंग शुरू कर देते हैं. आम तौर पर फार्मर्स दो से तीन दिन के बाद मुर्गियों का दूसरा बैच डाल देते हैं. हालांकि अगर कोई भी पोल्ट्री फार्मर ऐसा करता है कि ज्यादा गैप नहीं देता तो एक्सपर्ट के मुताबिक इससे बड़ा नुकसान होने का खतरा रहता है. जिससे पोल्ट्री फार्मिंग का काम डूब सकता है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप 10 से 12 दिन का गैप नहीं देते हैं तो मुर्गियों में बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है.
तो नए बैच में नहीं आएगी बीमारियां
आपको बता दें कि पुराने बैच में मुर्गियों को कोई भी बीमारी होती है और पोल्ट्री फार्मर दोबारा पोल्ट्री फार्मिंग करते वक्त गैप नहीं देते तो उन बीमारियों का खतरा नए बैच के चूजों में भी हो सकता है. इसलिए 10 से लेकर 12 दिन का गैप रखना बेहद जरूरी है. इस दौरान आपको फॉर्म में कुछ चीजें भी करनी पड़ेंगी, जैसे फॉर्म को बेहद ही अच्छे तरीके से सेनीटाइज करना चाहिए. इसके लिए चूना और ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल फार्म के अंदर कर सकते हैं और इसके बाद अगर न्यू बैच डालते हैं तो जो भी आखिरी बैच में बीमारी थी, वह मुर्गियों को नहीं होगी और इससे आपको पोल्ट्री फार्मिंग के काम में फायदा मिलेगा.
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