नई दिल्ली. मुर्गी पालन भी एक अच्छा काम है. हालांकि मुर्गी पालन के लिए ये बेहद ही जरूरी है कि मुर्गियों की नस्लों के बारे में जानकारी कर ली जाए. क्योंकि तभी आपको फायदा और नुकसान के बारे में जानकारी हो सकेगी. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार (Animal and Fisheries Resources Department, Government of Bihar) की मानें तो नए मुर्गी पालकों को बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के लिए कावेरी नस्ल की मर्गियों को पालना चाहिए. जिससे उन्हें अंडे भी मिलेंगे और फिर मीट के लिए भी इस मुर्गी को पाला जा सकता है.
बता दें कि मुर्गी पालन की व्यवसाय के लिए कावेरी नस्ल की मुर्गी भी एक बेहतरीन विकल्प मानी जाती है. पशुपालन एवं मस्त्य संसाधन विभाग बिहार सरकार की मानें तो कावेरी नस्ल की मुर्गी अंडे और मांस दोनों के लिए बेहतरीन होती है. यानी इस मुर्गी से दोनों तरह से कमाई की जा सकती है.
क्या है कावेरी मुर्गी की खासियत
बता दें कि कावेरी मुर्गी को kv2 के नाम से भी जाना जाता है.
कावेरी मुर्गी 60 से 70 दिनों में एक से डेढ़ किलो वजन हासिल कर लेती है.
यह मुर्गी मार्केट में प्रति किलो 200 से 300 रुपए तक बिकती है जो एक अच्छा दाम है.
कावेरी मुर्गी एक साल में औसतन 200-250 अंडे देती है.
यह मुर्गी, खासकर बैकयार्ड फार्मिंग करने वाले फार्मर्स के बीच, अपने उच्च अंडा उत्पादन के कारण लोकप्रिय है.
अंडों के उत्पादन के अगर मुर्गी पालन करना चाहते हैं तो ये बेहतरीन विकल्प है.
निष्कर्ष
अगर आप इस मुर्गी को पालते हैं तो आपको बेहतर मुनाफा मिल सकता है और मुर्गी पालन के काम में अच्छा खासा फायदा हो सकता है. तो देर ना करिए अगर आप मुर्गी पालन का काम शुरू करना चाहते हैं तो इस मुर्गी को जरूर पाल सकते हैं
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