नई दिल्ली. पोल्ट्री का बिजनेस आज मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है. अगर पोल्ट्री सेक्टर में अंडे और मीट के लिए कारोबार किया जाए, तो यह एक बेहतरीन मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है. अंडों और मीट के लिए पोल्ट्री का बिजनेस करने वालों के लिए कई तरह की नस्लें भारत में मौजूद हैं. आज हम आपको बता रहे हैं एक खास नस्ल के बारे में, जो मीट और अंडों के लिए बेहद फेमस हैं. इन मुर्गे और मुर्गियों को ग्रामीण इलाकों में पाला जाता है. इनके पालन में खास बात ये है कि इन्हें खाने के लिए घर की रसोई की ही फीड पर्याप्त हो जाती है. बाजार के सप्लीमेंट और फूड की जरूरत नहीं होती हैं. इनका पालन बेहद कम खर्च में किया जा सकता है. आइये जानते ही मुर्गी की ये नस्ल, राजश्री के बारे में.
घर की रसोई का चावल, चोकर, जौ और मक्का सहित खाने की कोई भी चीज इन मुर्गियों के लिए अच्छा आहार हो सकता है. इसीलिए इन मुर्गियों को देहात क्षेत्र का एटीएम भी कह सकते हैं. मुर्गी या मुर्गे को कभी भी बेचा जा सकता है. इसलिए इन्हें एटीएम कहा जाता है. राजश्री नस्ल की मुर्गी के बारे में कई चीजें मशहूर हैं, जानिए इसके बारे में.
राजश्री मुर्गी की खासियत: राजश्री मुर्गी एक औसत दर्जे की होती है. मुख्य रूप से लाल रंग की ये मुर्गी होती है और भूरे रंग के कवरिंग अंडे होते हैं. इस मुर्गी का शरीर बेहद सुगठित होता है और अच्छी उड़ान के लिए लम्बे शैंक होते हैं, जो परभक्षियों से बचने में सक्षम बनाते हैं. इस मुर्गी पहला अंडा 160 दिन की उम्र पर देती है. अंडे का वजन 55 ग्राम होता है. अंडे देने के मामले में ये मुर्गी बेहद मशहूर है. करीब 300 अंडे तक ये मुर्गी देती है.
राजश्री मुर्गी मीट के लिए है मशहूर: राजश्री मुर्गी के चूजे का वजन 40 ग्राम होता है. 8 सप्ताह में यह पक्षी 500 ग्राम तक वजन हासिल कर लेते हैं. जबकि इस नस्ल का मुर्गा 650 ग्राम तक हो जाता है. 16 हफ्ते की उम्र में मुर्गी का वजन 1300 और मुर्गे का वजन 15 ग्राम हो जाता है. जबकि 20 हफ्ते की उम्र में मुर्गी का शारीरिक वजन 1500 ग्राम और मुर्गे का 1750 ग्राम हो जाता है. इस मुर्गी के अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होती है. इसका मीट स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. जिसमें, भरपूर प्रोटीन होती है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है.
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