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Poultry Farming: महिलाओं को पोल्ट्री फार्मिंग में आगे लाने के लिए सरकार चला रही है ये योजना

पोल्ट्री शेड के निर्माण के लिए ऊंची भूमि का चयन करना चाहिए. कुछ चट्टान वाली जगह होती है, वे ज्यादा अच्छी होती हैं. शेड ऊंची होती है, तो उसके पास जल का भराव नहीं हो पाएगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मुर्गी पालन करके किसान अपनी आजीविका का एक और साधन बना सकते हैं. वहीं महिलाओं के लिए भी ये ये काम बेहद ही आसान है. महिलाएं घर का कामकाज करने के साथ ही मुर्गी पालन करके कमाई कर सकती हैं. इससे वो कमाई के मामले में अपने परिवार के पुरुषों का सहयोग भी कर सकती हैं. इन सब वजहों को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रदेश में पोल्ट्री फार्मिंग के लिए महिलाओं की मदद करने की योजना शुरू की है. खासकर बुंदेलखंड के सात जिलों में सरकार कई सालों इस योजना को चल रही है और अब इसे आगे बढ़ाया गया है.

यूपी की सरकार ने महिलाओं को मजबूत करने के मकसद स ब्रायलर पालन योजना की समय सीमा को 31 मार्च 2025 तक विस्तारित करने का फैसला किया था. बताया जा रहा है कि ये योजना आगे और बढ़ाई जा सकती है. महिलाओं को मजबूत करने के लिए ब्रायलर पालन योजना की कुल लागत 70.00 करोड़ के सापेक्ष 43.56 करोड़ रुपए का बजट अब तक इस योजना के तहत खर्च किया जा चुका है.

26 करोड़ रुपए किया गया खर्च
बता दें कि बुन्देलखण्ड पैकेज के तहत विभाग द्वारा योजना की शुरुआत से अब तक कुल 26.44 करोड़ की धनराशि खर्च कर ली गयी है. जिसका उपयोगिता प्रमाण पत्र जनपदों से प्राप्त कर लिया गया है. पोल्ट्री कुक्कुट विकास कार्यक्रम को लोकप्रिय बनाने तथा ग्रामीण क्षेत्र में बैकयार्ड पोल्ट्री को विकसित करने तथा निजी क्षेत्र के बड़े कुक्कुट उद्यमियों को आकर्षित करने हेतु निम्न रणनीति बनायी गयी है. प्रमुख कार्यक्रमों का लक्ष्यों का वार्षिक तीन महीने तथा मासिक निर्धारण पर नियमित समीक्षा और मूल्यांकन कर कार्यक्रम में आने वाली कठिनाईयों के निस्तारण पर बल दिया गया है.

लोगों को दी जा रही है ट्रेनिंग
पोल्ट्री स्वास्थ्य रक्षा कार्यक्रम के तहत सम्भावित संक्रामक रोगों के बचाव के लिए वैक्सीनेशन न्यू-इमर्जिंगडिजीज के रोग निदान की सुविधा कुक्कुट पालकों के द्वार पर उपलब्ध कराने पर बल दिया गया है. क्षेत्र में कुक्कुट विकास को गति देने के उद्देश्य से प्रत्येक जिलों में एक पोल्ट्री कार्यकम अधिकारी नामित किया गया है, जो उद्यमियों को इस व्यवसाय में आ रही कठिनाइयों को दूर करने और क्रियान्वयन में सहयोग करेंगे. वहीं बचाव के लिए समस्त मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों और मंडलीय अधिकारियों को समय-समय पर बर्ड फ्लू से पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं.
पोल्ट्री पालन में स्वरोजगार के रूप में अपनाने हेतु पोल्ट्री पालन का प्रशिक्षण कराया जा रहा है.

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