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Poultry Feed: मुर्गियों का फीड मैनेजमेंट सीखें यहां और भूलकर भी न करें इसमें ये गलतियां

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प्रतीकात्मक

नई दिल्ली. मुर्गी पालन में मुर्गियों के फीड के ऊपर सबसे ज्यादा खर्च होता है. यानि 70 फीसद तक खर्च इसी पर होता है. अगर आप मुर्गियों को सही फीड खिलाते हैं तो उनकी ग्रोथ सही होती है. इसलिए सही फीड का चयन करना भी बेहद जरूरी होता है, नहीं तो मुर्गियों की ग्रोथ अच्छी नहीं होगी और इससे आपको बेहतर उत्पादन नहीं मिलेगा. एक्सपर्ट का कहना है कि चाहे आप अंडों के उत्पादन के लिए लेयर मुर्गियों को पालें या फिर मीट उत्पादन के लिए ब्रॉयलर को पालें, दोनों ही तरह की फार्मिंग में सिर्फ और सिर्फ नुकसान हाथ आएगा.

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fishery Resources) के एक्सपर्ट ने लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज को बताया कि (Livestock Animal News) इसे फीड मैनेजमेंट कहा जाता है, जिसका ध्यान हर मुर्गी पलक को देना चाहिए. सही तरह से समय से मुर्गियों को फीड देना चाहिए. तभी बेहतर उत्पादन मिलेगा, नहीं तो पोल्ट्री फार्मिंग में नुकसान हो जाएगा.

कहां होती है गलती
अक्सर पोल्ट्री फार्मर यह गलती कर जाते हैं कि मुर्गियों को उनकी उम्र के हिसाब से दाना नहीं देते हैं. जबकि उनकी उम्र के हिसाब से उन्हें दाना देना बहुत जरूरी होता है.

एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि मुर्गियों को हमेशा ही अच्छी क्वालिटी का और फ्रेश दाना देना बहुत जरूरी होता है.

खास तौर पर बरसात के मौसम में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. क्योंकि इस दौरान उनके फीड में फंगस लगने का खतरा ज्यादा रहता है.

यहां इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर आप चूजों को जो बड़ी मुर्गियों के लिए दाना आता है, वो खिलाते हैं तो यह बिल्कुल भी सही काम नहीं है.

यह गलती किसी भी पोल्ट्री फार्मर को नहीं करनी चाहिए और उम्र के हिसाब से चूजों को फीड खिलाना चाहिए. जबकि बड़ी मुर्गियों के लिए जो दाना आता है वह उन्हें खिलाना चाहिए.

निष्कर्ष
बता दें कि मुर्गियों का दाना मुख्यता तीन तरह का होता है. जिसे स्टार्टर, ग्रोवर और लेयर फीड कहा जाता है. स्टार्टर फीड चूजों के लिए होता है, जिसमें प्रोटीन ज्यादा होता है. इससे उन्हें ग्रोथ करने में मदद मिलती है. वहीं ग्रोवर फीड थोड़ा बड़ी मुर्गियों को दिया जाता है. जबकि लेयर फीड अंडा देने वाली मुर्गियां खाती हैं.

Written by
Livestock Animal News

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