नई दिल्ली. एक वक्त था जब लोग अंडे को मासाहारी बताकर इसको भोजन में शामिल नहीं करते थे लेकिन अब की बात करें तो ज्यादातर लोग इसका उपयोग कर रहे हैं. अकेले किसी राज्य की ही नहीं पूरे भारत में अंडे की खपत लगातार बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि देश जब आजाद हुआ था तो एक साल में प्रति व्यक्ति के हिस्से में महज पांच अंडे आते थे लेकिन आज उत्पादन क्षमता और डिमांड के कारण प्रति वर्ष एक व्यक्ति के हिस्से में 101 अंडा आ रहा है. इससे पोल्ट्री को बढ़ावा मिल रहा है. हालांकि डॉक्टरों की मानें तो एक साल में प्रति व्यक्ति 185 अंडे की जरूरत है लेकिन अभी हमारे हिस्सो में 101 अंडे ही आ रहे हैं.
लोग अपने भोजन को पौष्टिक बनाने के लिए दूध-घी, मास-मछली के साथ अंडे को भी शामिल कर रहे हैं. आज भी बहुत सारे घरों में अंडे का सेवन किया जाता है. सुबह की शुरुआत भी ब्रेड आमलेट के साथ हो रही है. अंडे से बनी डिश का क्रेज तो बाजारों में साफ देखा जा सकता है. आज जरूर तस्वीर बहुत बदल गई है. अब अंडे का प्रोडेक्शन भी बहुत हो रहा है और डिमांड भी लगातार बढ़ रही है. अब एक नजर नीचे दी गई इंडेक्स पर डालते हैं, जिसमें बताया गया है कि जब देश आजाद हुआ था तो एक साल में प्रति व्यक्ति के हिस्से में कितने अंडे आते थे और कैसे ये संख्या बढ़ती चली गई और आज की स्थिति क्या है.
Year | Per Capita Availability |
1950-51 | 05 |
1960-61 | 07 |
1973-74 | 13 |
1979-80 | 14 |
1980-81 | 15 |
1990-91 | 25 |
2000-01 | 36 |
2010-11 | 51 |
2020-21 | 90 |
2022-23 | 101 |
नोट: ये आंकड़े भारत के केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं. |
Leave a comment