Home career होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से भी हो सकेगा पशुओं का इलाज, Gadvasu में ऑनलाइन डिप्लोमा शुरू
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होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से भी हो सकेगा पशुओं का इलाज, Gadvasu में ऑनलाइन डिप्लोमा शुरू

Gadvasu, Homeopathic System of Medicine, Guru Angad Dev Veterinary and Animal Sciences University
सेमिनार में बोलते गडवासु के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह

नई दिल्ली. गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने पशुपालन अधिकारियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इसमें 100 से ज्यादा पशु चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ-साथ कृषि विज्ञान केन्द्रों के पशु चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया. वाइस चांसलर डॉ. इंद्रजीत सिंह, ने पशु उपचार में वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि हमें इस क्षेत्र में सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वयस्थापित करना होगा. उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय ने पशु चिकित्सा में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से संबंधित एक ऑनलाइन डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया है.

गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी में 27 मार्च को पशु चिकित्सा पर चर्चा करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. सेमिनरमें पंजाब के पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ गुरशरणजीत सिंह बेदी ने महामारी के दौरान पशु कल्याण के लिए मानकों को और विकसित करने का आह्वान किया और इस अवसर पर पशु चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला.

समस्या आधारित शोध पर अधिक जोर देने को कहा
निदेशक प्रसार शिक्षा डॉक्टर प्रकाश सिंह बराड़ ने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं से क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारियों को अपने ज्ञान को ताज़ा करने और शोधकर्ताओं और संस्थानों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों से रूबरू होने का अवसर मिलता है. उन्होंने इस कार्यशाला के लिए कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान द्वारा दिए गए वित्तीय सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त किया. कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉक्टर परवेन्दर शेरोन ने प्रतिभागियों से समस्या आधारित अनुसंधान पर अधिक जोर देने को कहा. पशु चिकित्सा मैडीसन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अश्वनी कुमार शर्मा ने पशुओं को खिलाए जाने वाले चुंबक पर प्रकाश डाला और कहा कि यह चुंबक लौह अयस्क निगलने की स्थिति में पशुओं की जान बचाने में मदद करता है.

डेयरी मवेशियों में लंगड़ापन की समस्या को दूर करने पर चर्चा
पशु चिकित्सालय के निदेशक डॉक्टर स्वर्ण सिंह रंधावा ने डेयरी मवेशियों में लंगड़ापन की समस्या, अवलोकन और प्रबंधन के बारे में बताया. सेंटर फॉर वन हेल्थ डॉक्टर पंकज ढाका ने जैव सुरक्षा और रोगाणुरोधी प्रतिरोध के बुनियादी सिद्धांतों पर प्रकाश डाला. पशुधन फार्म के निदेशक डॉक्टर रविंदर सिंह ग्रेवाल ने सर्वोत्तम चारे और चारे के अचार के बारे में जानकारी दी. पशु सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर अरुण आनंद ने घोड़ों में शूल की समस्या और रोकथाम के बारे में जानकारी साझा की.

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