नई दिल्ली. अंडे का सेवन करना लोगों की सेहत के लिए बेहद जरूरी है तो साफ हो चुका है लेकिन अंडे को लेकर कई तरह की अफ़वाहें भी बाजार में तैरती रहती है. दरअसल, अंडे को मांसाहारी बताने वाले लोग इसके बारे में अजीब—अजीब तर्क देते रहते हैं. मसलन खून का धब्बा होने की बात कही जाती है और यह भी कहा जाता है कि जिन अंडों में डबल जर्दी होती है, वह खाने के लिए सुरक्षित नहीं है. शायद आपको भी यही लगता हो लेकिन हकीकत क्या है यह भी जानना बेहद जरूरी है.
बात कर लेते हैं अंडों के सेवन के फायदे की तो रोज अंडे खाने वाले लोगों का दिमाग तेज होता है. जबकि अंडे में डिप्रेशन दूर करने के भी क्वालिटी होती है. यह आंखों की रोशनी के लिए बेहद ही उपयोगी है. विशेषज्ञों का कहना है कि अंडे के अंदर एंटीऑक्सीडेंट और इन्फ्लेमेटरी क्वालिटी होती है. वहीं इसके अंदर विटामिन डी और प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसलिए अंडे का सेवन करना चाहिए. एक स्वस्थ व्यक्ति हर दिन में तीन अंडे भी खा सकता है और यह उसके लिए ये बेहतर होगा.
क्या है अंडे में खून के धब्बा की हकीकत
अंडे के निर्माण के दौरान खून के धब्बे छोटी ब्लड वैसेल्स के टूटने का परिणाम होते हैं. मुर्गी के अंडाशय या ओवीडक्ट में कामर्शियल के मामले में 1 फीसदी से भी कम ऐसी संभावनाएँ या मामले पाए जाते हैं. बांझ अंडे, और इसका भ्रूण से कोई संबंध नहीं है. इसलिए इसका सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित है.
महंगे बिकते हैं दोहरी जर्दी वाले अंडे
अक्सर अंडे में दो जर्दी होती है, यह पूरी तरह से सुरक्षित है लेकिन इसकी जगह दो जर्दी होती है. एक जर्दी और उन अंडों का वजन भारी होता है और इन्हें प्रीमियम कीमत पर बेचा जाता है. आमतौर पर बाज़ार में उपलब्ध नहीं होता है. प्रत्येक 100 अंडों में से, पक्षी 4-5 अंडे दोहरी जर्दी वाले अंडे के रूप में देता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि यह पूरी तरह से बहुत सामान्य है.
देसी पक्षी अधिक अंडे देते हैं
आपको यहां ये भी बताते चलें कि पिछले कुछ समय में अंडा उत्पादन के लिए देसी पक्षियों में भारी सुधार किया गया है. संतुलित प्रजनन कार्यक्रमों में स्थिर आनुवंशिक प्रगति के माध्यम से देसी पक्षियों की तुलना में नव विकसित प्रजाति में अंडे के उत्पादन में सकारात्मक परिणाम आया. अब देसी पक्षी की अंडे देने की क्षमता में इजाफा हुआ है.
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