Home पोल्ट्री Poultry: इन तरीकों को अपनाकर पोल्ट्री कारोबार को एवियन इन्फ्लूएंजा के खतरे से बचाएं
पोल्ट्री

Poultry: इन तरीकों को अपनाकर पोल्ट्री कारोबार को एवियन इन्फ्लूएंजा के खतरे से बचाएं

Poultry farming: Not only airborne infections, but also water can spread disease in chickens, Livestocknews.com
फार्म में चारा खाती मुर्गियां. live stock animal news

नई दिल्ली. एवियन इन्फ्लूएंजा एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो घरेलू और जंगली पक्षियों को अपनी चपेट में ले लेती है. यह एक तरह की संक्रामक वायरल बीमारी है. दुनियाभर के पोल्ट्री एक्सपर्ट इस बीमारी को पोल्ट्री उद्योग, पशु स्वास्थ्य, व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बताते हैं. इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस के कारण होने वाले इस रोग की गंभीरता प्रभावित प्रजाति और प्रजाति के आधार पर अलग-अलग होती है. एक बार ये बीमारी पक्षियों में फैल गई तो बड़ा नुकसान होता है. इसलिए इससे बचने के उपाय जरूर करने चाहिए.

एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री और अंडों को 165 डिग्री फ़ारेनहाइट के आंतरिक तापमान पर उचित ढंग से संभालने और पकाने से बैक्टीरिया और वायरस मर जाते हैं. यानि ये खाने के लिए इंसानों में प्रवेश नहीं कर सकता है. हालांकि ये बीमारी पोल्ट्री उद्योग के लिए बड़ा खतरा जरूर है. एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री किसानों को बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जैव सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए. मुर्गियों का पालन चाहे घर के आंगन में हो या फिर बड़े वाणिज्यिक तौर पर उन्हें जैव सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा करनी चाहिए और अपने पक्षियों की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.

क्या-क्या उपाय किए जाते सकते हैं
-गैरजरूरी लोगों का बिना अनुमति के ऐसी इमारतों में जहां पर पक्षियों को रखा गा है वहां प्रवेश न करने की चेतावनी देने के लिए जैव सुरक्षा संकेतों का उपयोग करें.
-सभी आने वाले लोगों से पूछें कि क्या पिछले पांच दिनों में उनका किसी पक्षी से कोई संपर्क हुआ है.
-उन कर्मचारियों और अन्य किसी को भी प्रवेश न करने दें करें. जिनके पास किसी भी प्रकार का मुर्ग़ा है.
-सभी आने वाले लोगों के सभी जूते-चप्पल ढकने और कीटाणुरहित करने की आवश्यकता है.
-घंटों के बाद मुर्गी घरों के सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दें.
-खेत पर गैर-जरूरी वाहनों के आवागमन से बचें.
-पक्षियों को प्रोसेसर्स तक ले जाने के बाद, फार्म में लौटने से पहले पोल्ट्री ट्रांसपोर्ट कॉप्स और वाहनों को साफ और कीटाणुरहित करें.
-किसी भी असामान्य बात की सूचना, विशेषकर बीमार या मृत पक्षियों की, एजीएम को दें.
-अच्छी जैव सुरक्षा का अभ्यास करने के अलावा, पोल्ट्री मालिकों को अपने पक्षियों को जंगली बत्तखों और गीज़ और उनकी बीट से दूर रखना चाहिए। इस समय मुर्गीपालन के लिए बाहरी पहुंच सीमित होनी चाहिए.
-बीमार पक्षियों, अस्पष्टीकृत उच्च संख्या में मौतों या अंडे के उत्पादन में अचानक गिरावट की रिपोर्ट करने के लिए, कृपया विभाग के पशु उद्योग प्रभाग (518) 457-3502 या यूएसडीए से (866) 536-7593 पर संपर्क करें.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

पोल्ट्री

Poultry Farming: बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के लिए पालें इस नस्ल की मुर्गी, अंडा और मीट दोनों से होगी कमाई

पशुपालन एवं मस्त्य संसाधन विभाग बिहार सरकार की मानें तो कावेरी नस्ल...

poultry farm
पोल्ट्री

Poultry Farming: इस नस्ल की मुर्गी को पालें तो मिलेगा दोहरा फायदा, यहां पढ़ें इसकी खासियत

उसी के हिसाब से उनकी नस्ल का चयन करना चाहिए. तीन मुर्गियों...

poultry farm
पोल्ट्री

Poultry Farming: 1 से लेकर 30 दिनों तक चूजों को खिलाएं कौन सा फीड, जानें यहां

10-20 मुर्गी से ही मुर्गी पालन का काम शुरू कर रहे हैं...

रोगी पक्षियों के पंख बिखरे-बिखरे व लटके रहते हैं और कॉम्ब पर पीलापन नजर आता है.
पोल्ट्री

Poultry Farming News: बारिश में मुर्गी पालन के दौरान आती है ये दिक्कतें, जानें परेशानियों का उपाय भी

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार के एक्सपर्ट की मानें तो...