Home मछली पालन Fish: इन मछलियों को पालें, तेजी से होती है ग्रोथ, ज्यादा होता है मुनाफा
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Fish: इन मछलियों को पालें, तेजी से होती है ग्रोथ, ज्यादा होता है मुनाफा

मछलियों के भरपूर आहार देना बहुत जरूरी होता है, ताकि उनकी ग्रोथ अच्छी हो सके. अगर तालाब में प्राकृतिक आहार की मात्रा अच्छी ना हो तो खाद डालें और पूरक मात्रा बढ़ा दें
मछली का तालाब.

नई दिल्ली. भारत साल दर साल मछली पालन में रिकॉर्ड बना रहा है. मछली पालन को बढ़ावा देने की वजह से मछली उत्पादन में भारत साल 2023 में दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. जिसका फायदा सीधे तौर पर मछली पालकों को मिल रहा है. मछली पालकों की इनकम में इजाफा हो रहा है. भारत में साल 2023 में मछली उत्पादन 175.45 लाख टन हो गया था जो एक रिकॉर्ड था. इस वक्त भारत दुनियाभर में मछली उत्पादन का 8 फीसद उत्पादन कर रहा है. कहा जा रहा है कि आने वाले समय में भारत में मछली पालन और ज्यादा बढ़ेगा. क्योंकि इसको करने से मुनाफा ज्यादा है.

मछली पालन कई तरह से किया जाता है. तालाब में मछलियों को पाला जाता है. जबकि समुद्र से भी मछलियों का उत्पादन लिया जाता है. कई मछलियां खारे पानी तो कई मीठे पानी में ग्रोथ हासिल करती हैं. कुछ मछलियों की प्रजातियां ठंडे पानी में पाली जाती हैं. जबकि बहुत सी मछलियां न ज्यादा ठंडे और न ही ज्यादा गर्म पानी में यानि बीच के पानी में पाली जाती हैं. सभी तरह की मछलियों के पालने से मछली पालकों को फायदा होता है.

तिलापिया मछली के बारे में पढ़ें यहां
तिलापिया अफ्रीकी महाद्वीप के मूल निवासी “सिक्लिड” मछली का एक समूह है. मिडिल अफ्रीकी में देशों, तालाबों में तिलापिया की खेती सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद शुरू की गई थी और फिर जल्द ही दुनिया के ज्यादा ट्रॉपिकल और सब ट्रॉपिकलल देशों में फैल गई. इसलिए ये अंतरराष्ट्रीय मछली के रूप में जानी जाती है. हालांकि तिलापिया के अधिकांश प्राकृतिक संसाधन होती है. 80 फीसदी तिलापिया के वैश्विक जलीय कृषि उत्पादन का लगभग 80 फीसद यानि 5.0 मिलियन मीट्रिक टन एशिया में उत्पादन होता है. 21वीं सदी की जलीय कृषि प्रजातियां हैं ये और अब 100 देशों इसका उत्पादन किया जा रहा है. इस मछली की ग्रोथ तेजी से होती. वहीं इसे बंद टैंक में भी पाला जा सकता है.

ठंडे पानी की मछलियां पालने का फायदा
ठंडे पानी की मछलियां भारत की मीठे पानी की मछलियों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. ठंडे पानी की मछलियां, आमतौर पर 7-18 डिग्री सेल्सियस टेंप्रेचर के आस-पास के तापमान में सबसे ज्यादा सक्रिय मानी जाती हैं. जबकि गर्म तापमान में उन्हें तनाव हो जाता है. ठंडे पानी में रहने वाली मछलियों को जिंदा रहने के लिए ठंडे तापमान और ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है. भारत में ठंडे पानी की मछलियों में महसीर जैसे टोर पुटिटोरा, टी. टोर, टी. खुद्री, टी. मोसल, स्नो ट्राउट, माउंटेन ट्राउट जैसे कि बैरिलियस आदि को माना जाता है. ठंडे पानी की मछलियों को पालने का फायदा ये है कि इसमें ज्यादा मजदूरी नहीं लगती है और इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है.

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