नई दिल्ली. राजस्थान पशुपालन और गोपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं. उसी में से एक है ग्रामीण सेवा शिविर की शुरुआत भी है. इसको सफल बनाने के लिए पशुपालन, गोपालन और मत्स्य शासन सचिव डॉ. समित शर्मा की अध्यक्षता में पशुपालन विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया. जहां अफसरों को उनकी ओर से दिशा—निर्देश दिए गए. डॉ. शर्मा ने इस दौरान योजनाओं का अधिक से अधिक फायदा पशुपालकों को दिलाने के लिए अधिकारियों को पूरी निष्ठा से काम करने के निर्देश दिए.
डॉ शर्मा मंगलवार को शासन सचिवालय में पशुपालन विभाग की मासिक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, एएमएस और केपीआई आधारित ग्रेडिंग प्रणाली सहित अन्य विषयों की प्रगति की समीक्षा की.
किन चीजों पर रहेगा फोकस
राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में पशुपालन निदेशक तथा आरएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ सुरेश मीना, डॉ प्रवीण सेन, डॉ विकास शर्मा, डॉ ओमप्रकाश बुनकर, डॉ हेमंत पंत सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
बैठक में शासन सचिव ने कहा कि राज्य में आयोजित होने वाले ग्रामीण सेवा शिविर में पशुपालन विभाग के लोग अनुशासित, कर्मठ और तत्पर होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और भीड़ में अपनी अलग पहचान में दिखें.
इन शिविरों के दौरान पशुपालन विभाग द्वारा पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रोगी पशुओं के उपचार और टीकाकरण आदि गतिविधियोे के लिए सभी से सक्रिय होकर काम करने के निर्देश डॉ शर्मा ने दिए.
शासन सचिव ने निर्देश दिया कि शिविरों के दौरान टीकाकरण अभियान, मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना, मोबाइल वेटरिनरी यूनिट और कॉल सेंटर तथा चैटबॉट , सेक्स सॉर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान आदि योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार प्रसार किया जाए.
ग्रामीण सेवा शिविरों में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के बीमा सर्टिफिकेट भी वितरित किए जाएंगे जिसके लिए शासन सचिव ने अधिकारियों को एसआइपीएफ से समन्वय कर पूरी योजना बनाने के निर्देश दिए.
डॉ शर्मा ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां इतनी अधिेक संख्या में पशुओं का बीमा हुआ है. इसके लिए उन्होंने विभाग को बधाई दी.
उन्होंने कहा कि अब बचे हुए बीमा को काम 30 सितंबर तक किसी भी हालत में पूरा करें. 1 अक्टूबर से वर्ष 2025-26 का बीमा कार्य शुरू किया जाएगा.
डॉ. शर्मा ने बताया कि पिछले साल के अनुभवों से सबक लेते हुए इस वर्ष बीमा का कार्य एक ही चरण में किया जाएगा.
जिससे समय और मैन पावर की तो बचत होगी ही साथ ही पशुपालकों को बीमा का लाभ भी समय से मिल सकेगा.
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