नई दिल्ली. राजस्थान की मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों में कृषि के साथ साथ पशुपालन ही एक ऐसा व्यवसाय है जो यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है. इस राज्य में प्राचीन काल से चला आ रहा पशुपालन एक पैतृक व्यवसाय के रूप में भी जाना जाता है लेकिन मौजूदा वक्त में पशुपालन व्यवसाय ऐसे वर्ग के हाथों में है जो आर्थिक तौर से कमजोर हैं. जिन्हें मजबूत करना बेहद ही जरूरी है. मरूस्थलीय क्षेत्र के लोगों की तो आजीविका का प्रमुख सोर्स ही पशुपालन है. वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है. बहुत अधिक संख्या में छोटे और सीमान्त किसान, कृषि श्रमिक और गरीब ग्रामीण लोग रोजगार के लिए पशुपालन पर निर्भर हैं.
यही वजह है कि राजस्थान सरकार पशुओं और पशुपालकों के हित में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कई कोशिशें कर रही है. जिसके तहत पशुधन की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए फ्री दवा योजना, उपकेन्द्रों के साथ दवाओं की संख्या में बढ़ोतरी, देशी पशुधन की नस्लों में सुधार, पशुधन चिकित्सा और स्वास्थ्य के लिए शिक्षण संस्थानों की स्थापना जैसे नियमित काम किए जा रहे हैं. सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि इन कामों से प्रदेश में पशुधन विकास को नई दिशा मिल सकेगी.
सरकार ने 400 करोड़ रुपए किए जारी
गौरतलब है कि प्रदेश में पशुपालन की अपार संभावनाएं हैं. राज्य के 80 लाख परिवार पशुपालन एवं सम्बद्ध गतिविधियों पर निर्भर हैं. पिछले बजट में पशुपालन संरक्षण, संवर्द्धन और विकास के लिए 250 करोड़़ रुपये के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष के गठन की घोषणा की गई थी. इसके अलावा 400 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना और मोबाइल वेटरिनरी यूनिट द्वारा पशुपालकों के द्वार पर पशुचिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की पिछले एक वर्ष की बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं. राज्य सरकार का यह प्रयास पशुपालन और पशुपालकों के विकास और उत्थान के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
3.82 लाख पशुपालकों मिला केसीसी
पशुपालन, डेयरी, मत्स्यपालन सहित सम्बद्ध गतिविधियों के लिए अब तक 3.82 लाख पशुपालकों को पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये जा चुके हैं. राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजनान्तर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है. राजस्थान के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के संवेदनशील मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार का लक्ष्य पशुपालकों का आर्थिक उन्नयन और पशुओं का कल्याण सुनिश्चित करना है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के संवेदनशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने पिछले एक साल में पशुओं और पशुपालकों के हित में अनेक कल्याणकारी कदम उठाए हैं.
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