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Poultry Feed: तो मक्का की टेंशन हो जाएगी खत्म, दाम भी हो जाएंगे कम, जानें इसकी वजह

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. पोल्ट्री सेक्टर में 70 फीसदी खर्च फीड पर होता है. जबकि इसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल मक्का का किया जाता है. वहीं पिछले कुछ समय से एथेनॉल के उत्पादन में मक्के के इस्तेमाल ने पोल्ट्री सेक्टर के लिए संकट खड़ा कर दिया है. जिसको लेकर कई पोल्ट्री एसोसिएशन, जिसमें पोल्ट्री फेडेरेशन आफ इंडिया भी शामिल है, ने सरकार से मांग की थी कि जीएम मक्का इंपोर्ट करने की इजाजत दी जाए. वहीं आने वाले समय में पोल्ट्री सेक्टर को मक्का उपलब्ध होगा कि नहीं? मिलेगा तो क्या रेट होगा? फीड को लेकर क्या चुनौतिया होंगी? इन सब मसले पर आईबी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर बहादुर अली ने कहा कि पोल्ट्री सेक्टर के लिए आने वाला समय अच्छा है.

एक सवाल के जवाब में पोल्ट्री एक्सपर्ट बहादुर अली ने बताया कि इसका हल तो है और सरकारें इसमें कई काम कर रही हैं. इसका हल निकाला भी जा रहा है. एक बात जान लें कि मक्के की समस्या हमेशा नहीं रहेगी. थोड़ी सी कम ज्यादा हो सकती है और इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता है. हालांकि मक्के का उत्पादन देश में तेजी के साथ बढ़ रहा है. जिससे आने वाले समय में राहत मिलेगी.

सररकार ने किया इस तरह से सपोर्ट
बहादुर अली कहा कि मक्के की कमी को देखते हुए बाहर से जीएम मक्का इंपोर्ट करने की मांग तो सरकार ने नहीं मानी है लेकिन एथेनॉल फैक्ट्री के लिए सरकार ने चावल रिलीज कर दिए हैं. साढ़े 22 लाख टन चावल रिलीज किया गया है. ये कहीं न कहीं पोल्ट्री इंडस्ट्री को बड़ा सपोर्ट है. जिसके चलते इस वक्त मक्का उपलब्ध होने लगा है. हालांकि इसका रेट अभी ज्यादा है लेकिन जब दूसरी फसल का उत्पादन मिलेगा तो मक्के का चैलेंज काफी हद तक खत्म हो जाएगा और इसका रेट भी काम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वहीं धान की फसल भी अच्छी हुई है. इससे बाजरा भी मिल रहा है. जिसके चलते भी फायदा मिलेगा.

ज्यादा नहीं होगा मक्का का रेट
बहादुर अली कहा कि जितने बड़े स्टॉकिस्ट हैं, उन्होंने माल रिलीज कर दिया है. क्योंकि उन्हें मालूम पड़ गया कि मक्का अब 25 के ऊपर जाना मुश्किल है. आने वाले दौर में मक्का के लिए मंदी का दौर रहेगा. इससे पोल्ट्री इंडस्ट्री को सपोर्ट मिलेगा और उत्पादन भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक साल पहले जो डर था मक्का मिलेगा या नहीं, कहीं पोल्ट्री में चूजे, मुर्गी—मुर्गियां भूखे न रह जाएं हम उस खतरे से आगे निकल चुके हैं. आने वाले समय में मक्का रीजनेबल रेट में मिलेगा. एमएसपी प्राइज के आसपास मिलेगा. उम्मीद है कि अधिकतम रेट 25 रुपए तक जाएगा, जबकि औसत 22 और 25 रुपए के बीच रहेगा.

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