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Dairy: यहां पढ़ें, दूध देने वाली भैंस को कितना खिलाना चाहिए चारा ताकि भरपूर मिल सके दूध

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालक का पशु अगर ज्यादा दूध देता है तो उसके लिए इससे अच्छी बात कोई नहीं हो सकती है. हालांकि कई बार पशु दूध उत्पादन कम करते हैं. इसका नुकसान पशुपालकों को होता है. इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि दूध देने वाली भैंस को कितना और क्या चारा खिलाया जाए. एक्सपर्ट कहते हैं कि दूध देने वाले पशुओं को उनके दूध में स्रावित पोषक तत्वों की सप्लाई के लिए पर्याप्त पोषक तत्व मिलने चाहिए. यदि उनकी पोषक तत्वों की जरूरतें पूरी नहीं होंगी, तो वे अपनी दूध देने की असली क्षमता तक नहीं पहुंच पाएंगे. दूध उत्पादन में आहार ऊर्जा सबसे सीमित कारक है.

एक्सपर्ट कहते हैं कि दूध का उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ता है, ब्याने के 42-56 दिन बाद चरम पर पहुंच जाता है और अगले 70 दिनों तक चरम बना रहता है. इसके बाद इसमें धीरे-धीरे 126 से 305 दिनों तक की गिरावट आती है. यदि स्तनपान के प्रारंभिक चरण में दूध उत्पादन का स्तर संभावित स्तर से कम हो जाता है, तो शेष अवधि के दौरान उपज पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. अधिक दूध देने वाली भैंसों में आमतौर पर दूध में ऊर्जा की अधिक निकासी होती है और प्रारंभिक स्तनपान में शुष्क पदार्थ ग्रहण करने की क्षमता सीमित होती है.

भैंस का वजन कम हो जाता है
शुरू स्तनपान में अपर्याप्त ऊर्जा के सेवन से शरीर का वजन कम होता है और ब्याने के बाद के मद चक्र की शुरुआत में देरी होती है. आम तौर पर, जब भैंस का वजन शरीर का 15 से 24 फीसदी कम हो जाता है तो डिम्बग्रंथि चक्र बंद हो जाता है. इसलिए अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए ताकि स्तनपान के शुरुआती दौर में उन्हें कम पोषण न मिले. अपने पहले और दूसरे स्तनपान में दूध देने वाली भैंसें बढ़ती रहती हैं और इस प्रकार रखरखाव की आवश्यकता का अतिरिक्त 20 और 10 फीसदी क्रमशः पहले और दूसरे स्तनपान में भी प्रदान किया जाना चाहिए.

चार तरह से खिलाया जाना चाहिए चारा
पशु एक्सपर्ट एसएस पॉल और सुनेश के मुताबिक 450 किलोग्राम वजन वाली दूध देने वाली भैंसों को भोजन और चारे की उपलब्धता के आधार पर चार प्रकार के राशन में से किसी एक को खिलाया जा सकता है. आलसी भैंसों के भरण-पोषण के लिए चारा देने की बात की जाए तो सूखी वयस्क गैर-गर्भवती भैंसें या गैर-कामकाजी बैल 6-7 घंटे की चराई के दौरान रखरखाव के लिए अपनी पोषक तत्वों की आवश्यकता को चराई से इतर घंटों के दौरान भूसे के अतिरिक्त भोजन से पूरा कर सकती हैं.

450 किलोग्राम वजन वाली भैंस को स्टाल-फीडिंग के लिए
9.5 किलोग्राम भूसा + 0.7 किलोग्राम मूंगफली खली/सोयाबीन खली या
7.0 किलोग्राम भूसा +10 किलोग्राम बरसीम (15% डीएम) या
28 किलोग्राम अनाज चारा (20% डीएम)
आम तौर पर आवश्यकता को पूरा करेगा.
प्रत्येक 50 किलोग्राम के लिए शरीर का वजन 450 किलोग्राम से अधिक होता है.
0.7 किलोग्राम भूसा+55 ग्राम मूंगफली खली/सोयाबीन खली या 3 किलो हरी बरसीम या 2.5 किलोग्राम अनाज चारा जोड़ना होगा.

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