Home पशुपालन Water Crisis: जानें कहां पशुओं को नहीं मिल रहा पीने का पानी, 15 किमी दूर तक जा रहे प्यास बुझाने
पशुपालन

Water Crisis: जानें कहां पशुओं को नहीं मिल रहा पीने का पानी, 15 किमी दूर तक जा रहे प्यास बुझाने

Camel, Jaisalmer, Desert, Desert Ship Camel, Jaisalmer News, D Oran,
दस किलोमीटर दूर पानी पीने के लिए अपने बच्चे के साथ आई ऊंटनी.

नई दिल्ली. पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिलों में पानी की भीषण समस्या है. पानी की समस्या से सिर्फ मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी भी प्रभावित हो रहे हैं. जैसलमेर कम वर्षा वाला क्षेत्र है, इ​सलिए यहां पर खेती कम पशु पालन बड़ी मात्रा में होता है. पशुपालन के लिए ही स्थानीय लोगों ने अपने चारागाहों (ओरण- गोचर) में यह कुएं बनाएं, जिससे उन्हें व उनके पशुधन को पानी मिल सके. इस क्षेत्र में लाखों पशुओं के लिए सैकड़ों की संख्या पर कुएं हैं. इन सभी कुंओं पर लाखों की संख्या में पशु पानी पीते हैं. मगर, भीषण गर्मी में कुंए और तालाबों के सूख जाने से पशुओं के आगे पानी का संकट पैदा हो गया ह. इनमें भी सबसे ज्यादा दिक्कत गाय, भेड़-बकरी और ऊंटों के सामने खड़ी हो गई है. रेगिस्तान का जहाज ऊंट इन दिनों प्यासा है.

राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर जैसे पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिलों में पानी का भीषण संकट पैदा हो गया है. इस समस्या का सबसे ज्यादा सामाना वहां क पशुओं को करना पड़ रहा है. जिले के देगराय ओरण क्षेत्र में ज्यादा संकट है. इस ओरण क्षेत्र के 35 में से 32 तालाब सूख चुके हैं. शेष तीन तालाब भी सूखने की कगार पर है. इस वजह से ओरण के 5 हजार ऊंटों के सामने पेयजल संकट गहरा गया है. ओरण टीम जैसलमेर के संस्थापक सुमेर सिंह ने बताया कि देगराय ओरण जिले का सबसे बड़ा ओरण क्षेत्र है. इस ओरण में ऊंटों के अलावा हजारों भेड़-बकरी और गायें हैं. ये सभी पशु इन्हीं तीन तालाबों पर निर्भर रहते है. अब इन तालाबों के सूखने पर इनके सामने भी पेयजल संकट गहरा जाएगा.

इतने दिन ही बचा है पानी
जनपद में करीब 35 हजार अधिक ऊंट बताए जाते हैं. इनमें से पांच हजार तो अकेले देगराय ओरण में रहते हैं. यहां के 35 में से तीन तालाब सुतराड़ी-पड़ियाड़ी व साबड़ासर में ही पानी है. इसमें भी सुतराड़ी में 10 दिन का, पड़ियाड़ी 15 दिन का और साबड़ासर में करीब डेढ़ माह का पानी बचा है. ऐसे में ऊंट पालकों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है. इस भीषण गर्मी में हजारों ऊंटों की प्यास कैसे बुझेगी. इसे लेकर पशुपालक लगातार शासन-प्रशासन से पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करने की मांग करते आए हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही.

एक बार में 150 लीटर पानी पीता है ऊंट
सुमेर सिंह बताते हैं कि राजस्थान राज्य पशु ऊंट को रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है. ऊंट कम पानी में भी अपना गुजारा कर सकता है. सर्दी में तीन दिनों में एक बार और गर्मी में एक दिन में एक बार पानी पीता है. गर्मी के मौसम में एक बार में ऊंट करीब 150 लीटर तक पानी पी लेता है.

10 हजार हेक्टेयर में फैला है देगराय ओरण
देगराय ओरण करीब 10 हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है. इस क्षेत्र में करीब 10 गांव आते हैं. ऐसे में सभी पानी की समस्या चिंता का सबब बनी हुई है. 45 पार पहुंचे तापमान में इन दिनों भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है.ऐसे में पशुपालकों क सामने सबसे बड़ी समस्या पशुओं के लिए पानी का इंतजाम करना करना है. ओरण के 35 तालाब ही वर्षों से इन ऊंटों की प्यास बुझाते आ रहे हैं. ऐसे में इन तालाबों क सूख जान के बाद अब तीन तालाबों पर 10-15 किलोमीटर दूर से ऊंट अपनी प्यास बुझाने आ रहे हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

पशुपालन

CM Yogi बोले- IVRI की वैक्सीन ने UP में पशुओं को लंपी रोग से बचाया, 24 को मिला मेडल, 576 को डिग्री

प्रदेश सरकार के साथ मिलकर 2 लाख से अधिक कोविड जांच करवाईं....

milk production
पशुपालन

Animal News: अच्छी क्वालिटी का सीमेन कहां से खरीदें, जानें इस बारे में

जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है. क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले सीमन...

CIRB will double the meat production in buffaloes, know what is the research on which work is going on. livestockanimalnews animal Husbandry
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुपालन के मुनाफे और नुकसान से जुड़े इन चार सवालों के जवाब पढ़ें यहां

बायो सिक्योरिटी के तहत विभिन्न रोगाणुओं से होने वाले संक्रमण के जोखिम...

HF Cross Cow milk per day
पशुपालन

Animal Husbandry: गर्मी में कैसे होती है थनैला बीमारी, बचाव और इलाज के बारे में भी जानें यहां

एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि गर्मी में होने वाले थनैला रोग की...