नई दिल्ली. मछलियां आमतौर पर तो तालाब में पाली जाती है लेकिन अब नई तकनीक के तौर पर केज फिश फार्मिंग भी हो रही है. बहुत से किसान केज फार्मिंग के जरिए हर साल लाखों रुपये का मुनाफा कमाते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि तालाब या झील के मुकाबले केज सिस्टम में मछलियों का विकास तेजी से होता है. जबकि दूसरा बड़ा ये फायदा है कि इसमें मछलियां हैल्दी रहती हैं. वहीं, मछलियों को आहार देना भी आसान होता है. इसमें मछलियों के बीमार होने की भी संभावना बहुत कम होती है. क्योंकि बाहरी मछलियों से संपर्क नहीं होता और संक्रमण का भी खतरा नहीं रहता है.
अगर आप भी केज सिस्टम से मछलियों की फार्मिंग शुरू करना चाहते हैं तो यहां कुछ जरूरी बातों को हम बताने जा रहे हैं, जिसे ध्यान से पढ़ें ताकि इस तरह से मछली पालन करके आपको कमाई हो नुकसा न उठाना पड़े.
पिंजरे के फ्रेम और जाल
पिंजरे के लिए विभिन्न पिंजरे की सामग्री का उपयोग किया जा सकता है. आमतौर पर उपयोग की जाने वाली सामग्री में उच्च घनत्व पॉली एथिलीन (HDPE), जस्ती लोहा (GI) पाइप, पीवीसी पाइप आदि का इस्तेमाल होता है. एचडीपीई फ्रेम महंगे हैं, लेकिन लंबे समय तक चलते हैं. छोटे समूहों और मछुआरों के लिए लागत प्रभावी एपॉक्सी कोटेड गैल्वेनाइज्ड लोहा (GI) फ्रेम की सिफारिश की जाती है. एचडीपीई फ्रेम की तुलना में जीआई फ्रेम का जीवनकाल कम होता है.
पिंजरा पालन प्रजातियों का चयन
पिंजरा पालन के लिए प्रजातियों का चयन कई जैविक मानदंडों जैसे सर्वाहारी या मांसाहारी, कठोरता, तेजी से बढ़ने, गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता, रोग प्रतिरोधक क्षमता और बाजार की मांग पर आधारित होना चाहिए.
मछलियो की संख्या
मछलियो की संख्या (Stocking density) को प्रजातियों की जरूरतों और आपरेटिंग संबंधी विचारों द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए. स्टॉकिंग घनत्व पिंजरों की वहन क्षमता और प्रजातियों की भोजन की आदतों पर भी निर्भर करता है. अनुकूल स्टॉकिंग घनत्व मछली की प्रजातियों और आकार के साथ अलग-अलग होता है.
फ्रीड और फ्रीड प्रबंधन
पिंजरों में मछलियों का पालन करने के लिए ताजा या जमी हुई बेकार मछली, नम गोली (एमपी), और तैरने वाली सूखी छरों का आमतौर पर उपयोग किया जाता है. तालाबों की तुलना में पिंजरों में मछली को फीड देना बहुत आसान है.
मछली पकड़ना
तालाबों की तुलना में पिंजरों में मछली मेन मछली आसनी से पकड़ी जा सकती है. फ्लोटिंग पिंजरों को एक सुविधाजनक स्थान पर ले जाया जा सकता है और मांग के आधार पर पूर्ण या थोड़ी थोड़ी संख्या में पकड़ा जा सकता है.
Leave a comment