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Goat Farming: यहां पढ़ें बकरियों का डाइट प्लान, जानें, बकरी को कब कितने चारे की होती है जरूरत

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बकरों को चारा खिलाते फार्म संचालक राशिद

नई दिल्ली. अगर आप भी बकरी पालन शुरू करना चाह रहे हैं या हाल ही में शुरू किया तो पक्का आपको नहीं मालूम होगा कि बकरियों की एक दिन का डाइट प्लान क्या होता है. यानि बकरियों को हर दिन कितना दाना-पानी दिया जाए कि उनको तमाम पोषण मिले और उनका प्रोडक्शन बराबर होता रहे. गौरतलब है कि दूध देने वाली बकरियां, गर्भधारण की हुईं बकरियों का डाइट प्लान अलग-अलग होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि बकरियों की जरूरत भी गाय और भैंस की तरह अलग-अलग मौके पर बदलती रहती है.

इसलिए गोट फॉर्मर्स को हमेशा ही इस बात का ध्यान देना चाहिए कि बकरी को कितने पोषण की जरूरत है और उन्हें क्या दिया जा रहा है. अगर ये मालूम नहीं है तो फिर बकरी कमजारे भी हो सकती है. उसकी हेल्थ खराब होगी तो प्रोडक्शन पर भी असर पड़ेगा. आइए जानते हैं कि बकरी का डाइट प्लान.

चररली बकरियों का डाइट प्लान
शुष्क बकरियां उन्हें कहते हैं जो न तो दूध उत्पादन करती हैं और न गर्भधारण किए होती हैं. ही इस प्रकार की बकरियों को प्रतिदिन लगभग 500 ग्राम दहलनी या 1.0 किलोग्राम अदलहनी हरा चारा, 500-600 ग्राम दलहनी भूसा तथा लगभग 100 ग्राम दाना मिश्रण की आवश्यकता होती है.

दूध देने वाली बकरियां
दूध देने वाली बकरियों को दलहनी हरा चारा कम से कम एक किलोग्राम प्रति बकरी प्रति दिन के हिसाब से जरूर दें. यदि हरा दलहनी चारा उपलब्ध नहीं है तो उस स्थिति में बकरियों को दलहनी चारे से बनी हुई हे खिलाकर उनकी पोषण आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है. इसके अलावा किलो दूध उत्पादन के लिये 200-250 ग्राम दाना प्रति बकरी प्रति दिन देना चाहिए.

प्रेग्नेट बकरी का डाइट प्लान
गर्भित बकरिया गर्भित बकरियों को ब्याने से लगभग 45 दिन शेष रहने के समय से प्रतिदिन 300-400 ग्राम अतिरिक्त दाने की आवश्यकता होती है. इससे बकरी से पैदा होने वाले बच्चे का जन्म के समय सामान्य वजन होगा. बकरी से दूध उत्पादन उपयुक्त मात्रा में होगा. दूध देते समय बकरी का स्वास्थ्य एवं वजन ठीक रहेगा. गर्भित बकरियों के पोषण के बारे में एक महत्वपूर्ण बात और ध्यान में रखनी चाहिए कि बकरी के ब्याने के 40-45 दिन पूर्व से गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण रूमन पर दबाव पड़ता है. जिससे बकरी के डाइट लेने की क्षमता सामान्य से कम हो जाती है. इसलिए इस समय दिये जाने वाले चारे एवं दाने की गुणवत्ता हाई क्वालिटी की होनी चाहिए. जिससे कि सामान्य से कम आहार ग्रहण करने के बावजूद भी बकरी की पोषण आवश्यकतायें पूरी हो सकें.

प्रजनक बकरों का पोषण
यहां ये भी जानते चलें कि प्रजनन के लिये प्रयोग में लाये जाने की स्थिति में सामान्य पोषण (हरा चारा, दलहनी भूसा एवं 200-250 ग्राम दाना मिश्रण) के अतिरिक्त 400-500 ग्राम दाना मिश्रण प्रति बकरा प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाना चाहिए. वर्ष के शेष समय सामान्य पोषण ही पर्याप्त होता है.

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