नई दिल्ली. पशुपालन एक बेहतरीन जरिया है इनकम को बढ़ाने का. अगर आप भी पशुपालन करना चाहते हैं तो इसे जरूर करें. पशुपालन में दूध बेचकर मोटी कमाई की जाती है. भैंस का दूध इस वक्त 70 रुपये किलो तक बिक रहा है. जबकि गाय का दूध भी 50 से 60 रुपये किलो बेचा जा रहा है. दूध की क्वालिटी जितनी अच्छी होती है, उसी हिसाब से दाम मिलता है. चाहे आम कस्टमर को दूध बेचा जाए या फिर डेयरी कंपनियों को. वहीं भैंस पालने वाले लोग इस पशु को मीट के लिए भी बेचते हैं. जिससे उन्हें अच्छी खासी कमाई होती है.
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसान पशु की किस नस्ल को रखना चाहता है इसका निर्णय उसके पास उपलब्ध संसाधन व उस क्षेत्र की अनुकूलता पर डिपेंड करता है. पशु नस्ल पर निर्णय स्थानीय पशुचिकित्सक, कृषि विज्ञान केन्द्र, किसान कॉल सेंटर से भी रायशुमारी से की जा सकती है. ऐसे फार्म (सरकारी या निजी) जहां पर नियमित रूप से टोबी, जेडी, चुसेलोसिस, आईबीआर इत्यादि रोगों की जांच की जाती हो और बीमार पशुओं को हटाया जाता हो, वो पशु खरीद के लिए आडियल सोर्स हैं. पशु को किसान के बाड़े से खरीदना बेहतर होगा न कि बाजार या मेले से क्योंकि बाजार में रोग फैलने का जोखिम ज्यादा होता है.
पशु खरीदते समय इन बातों पर दें ध्यान
आंखें: चमकीली, साफ होनी चाहिए. प्रवाह से रहित पपड़ीदार व खून से भरी न हो.
नाकः ठंडा, नम यूथन, नियमित जीभ फेरने के साथ नियमित सांस लेना, जो आप्राकृतिक न हो. घरघराहट, खांसी न आती हो. सांस लेने में तकलीफ न होती हो.
चाल: चमकदार, साफ और उलझन वाली नहीं होनी चाहिए.
वजनः कमजोर व दुबले पशुओं को खरीदते समय सावधानी बरतें.
रवैया: समूह से अलग खड़े पशुओं को खरीदने से पहले ये पता लगाएं कहीं पशु बदमिज़ाज तो नहीं है.
चाल-चलनः पशु आसानी से चले, लंगड़ा के नहीं चलना चाहिए. धीमी या असंगत चाल या बैठते समय कूबड़ से सावधान रहें. उठते समय पशु को कठिनाई न हो.
थन: आकार जरूरी तौर पर एक अच्छे थन का सूचक नहीं है. इसके आगे दूध शिराएं होनी चाहिए. थन लदा हुआ और ज्यादा मांसल नहीं होना चाहिए. गाय को चलते समय ध्यान से देखें, धन एक तरफा झुका हुआ नहीं होना चाहिए.
शरीर अंकः ये पशु स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण सूचक है. एक हैल्दी पशु का शरीर अंक 3.4 होना चाहिए.
इतिहासः पशु के प्रसव की संख्या, पहले वाली ब्यात में दूध उत्पादन का अभिलेख, कोई विशेष बीमारी जैसे धनैला, जेर का रूकना, प्रसव में कठिनाई, दूध ज्वर इत्यादि की जानकारी कर लें.
उम्र: उम्र स्वास्थ्य से संबंधित नहीं है, फिर भी किसान को उसके दांत देखकर आयु का निर्धारण कर लेना चाहिए.
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