नई दिल्ली. क्या आपको पता है कि गाय-भैंस पालन हो या ऊंट, या फिर मुर्गी और घोड़ा, इन सबकी अपेक्षा बकरी को पालना ज्यादा सस्ता है. आप हो गए न हैरान, ये कैसे हो सकता है. इतना ही नहीं बकरी पालन पर मुनाफा भी ज्यादा अच्छा कमाया जा सकता है. बता दें कि सरकार भी नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत लोन देकर ऐसे किसानों की मदद करता है जो बकरी पालन करना चाहते हैं. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा के सीनियर साइंटिस्ट एके दीक्षित ने बताया कि बकरी पालने के साथ ही अगर हम उसकी मार्केटिंग पर भी ध्यान देंगे तो बकरी पालन का कारोबार जल्द ही रफ्तार भी पकड़ेगा.
कहा कि आमतौर पर बकरे और बकरियों का पालन दूध-मीट के लिए ही किसान करते हैं. हालांकि बकरी पालन करने वालों को ये पता होना चाहिए कि वो बकरी का पालन दूध के लिए करना चाहते है या फिर मीट के लिए. यह क्षेत्र के हिसाब से भी तय होता है और बकरी की नस्ल के मुताबिक भी. एक्सपर्ट बताते हैं कि देश में बकरे और बकरियों की 37 रजिस्टर्ड नस्ल है. हर नस्ल को उसके होम टाउन के हिसाब से पाला जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक बंगाल को पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और असम में पाला जाता है. बाकी की जगह पर यह नस्ल अपने को मौसम के अनुसार नहीं ढाल पाती है.
जानें 100 बकरी पर होगा कितना खर्च
वहीं सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एके दीक्षित का कहना है कि हमारे संस्थान के प्लान की बात की जाए तो सबसे छोटा फार्म 100 बकरियों का बनाया जा सकता है. इसके साथ पांच बकरे भी रखे जाएंगे. इन्हें खरीदने का खर्च करीब सात से आठ लाख रुपये तक है. वहीं 100 प्लस पांच बकरे रखने के लिए शेड की भी जरूरत होगी. इतनी बकरियों के लिए एक शेड करीब आठ लाख रुपये में तैया किया जा सकता है. वहीं डॉ. एके दीक्षित ने बताया कि आप 100 बकरियां पर प्लस पांच बकरों को पालें.
सभी को मिलाकर एक साल का खर्च करीब 3.5 लाख रुपये से लेकर चार लाख तक होगा. खर्च में सभी तरह का हरा चारा, सूखा चारा और दानेदार फीड देना शामिल है. आप बहुत ज्यादा चारे को लेकर परेशान नहीं होना चाहते हैं तो बकरियों के लिए तीनों तरह के चारे को एक साथ मिलाकर दे सकते हैं. नियमानुसार बकरे और बकरियों को पैलेट्स खिलाने के बाद उन्हें सिर्फ पानी की ही जरूरत होती है.
पा सकते हैं आठ हजार का मुनाफा
डॉ. एके दीक्षित कहते हैं कि जब आप 100 बकरी और पांच बकरे पालते हैं तो एक साल में फार्म तैयार हो जाएगा. जबकि आपकी बकरियां मुनाफा देने लायक हो जाएंगी. इस प्लान के हिसाब से औसत एक बकरी पर सात से आठ हजार रुपये की बचत आपको हो सकती है. इस सब के बीच बकरियों के वैक्सीन और उनकी हेल्थ के बारे में जांच जरूरी है. गौरतलब है कि संस्थान बकरियों की हेल्थ से जुड़ा एक कैलेंडर भी जारी करता है. इस कैलेंडर के हिसाब से एक साल में एक बकरी पर 100 से 120 रुपये खर्चा आता है, लेकिन इसे फॉलो करने से बकरियों की मृत्यु दर ना के बराबर रह जाएगी.
ट्रेनिंग में क्या बताया जाता है
एके दीक्षित ट्रेनिंग से जुड़ी बातों के बारे में बताते हुए कहा कि बकरी पालन की ट्रेनिंग में कई तरह की क्लास लगती है. सबसे जरूरी हेल्थ की क्लास होती है. जबकि दाना-चारा कैसा हो, आवास कैसा रहे. वहीं बीमारी से बचाने को टीके कब और कौनसे लगाया जाएगा. दूध और मीट के लिए बकरियों से जुड़ी नस्ल की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाती है. कृत्रिम गर्भाधान से जुड़ी जानकारी भी दी जाती है. सरकारी योजनाओं के बारे में बताया जाता है. इतना ही नहीं सीआईआरजी से ट्रेनिंग ले चुके सक्सेस बकरी पालकों से भी मिलवाया जाता है.
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