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Ramsar Site में शामिल समान पक्षी विहार की सूख रही झील , पशु-पक्षी और जंगली जानवर प्यासे

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की किशनी में समान पक्षी विहार की दुर्दशा लगातार बढ़ती जा रही है. रामसर साइट में शामिल मैनपुरी और यूपी की पहचान इस पक्षी विहार की झील में पानी कम हो रहा है. कई इलाके सूखने लगे हैं. पक्षी विहार की झील में पानी की व्यवस्था के लिए प्रशासन की एक कोशिश बड़ा काम कर सकती है. समान माइनर से खारजा बंबा में पानी की व्यवस्था करा दी जाए तो पक्षी विहार की झील पानी से लबालब होगी और यहां आने वाले जानवरों-पशु और देशी और विदेशी पक्षियों को बड़ा फायदा होगा.

भीषण गर्मी ने पूरे जनजीवन को प्रभावित कर दिया है.लोगों से लेकर पशुओं तक परेशान हैं. लोग तो एसी, कूलर, पंखों में खुद को गर्मी से निजात दिला रहे हैं लेकिन पशु-पक्षियों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के की किशनी में स्थि​त में समान पक्षी विहार गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं.शिकायत के बाद प्रशन की ओर से कई सुनवाई नहीं हो रही है. इस पक्षी विहार में सिर्फ पक्षी ही नहीं विचरण करते बल्कि पशु और जंगली जानवर आकर भी पानी पीत हैं. ये जानवर जंगलों में चरकर यहां आकर पानी पीने आते हैं. मगर, झील में पानी की लगातार हो रही कमी के कारण पक्षियों और पशुओं के सामने संकट पैदा हो गया है. अगर, ऐसा ही रहा तो प्रवासी पक्षी आना छोड़ देंगे और स्थानीय जानवर और पशुओं के सामने भी बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है इस पक्षी बिहार की पहचान
समान पक्षी विहार की अंतर्राष्ट्रीय पहचान बन चुकी है. दुनियाभर के पक्षी विहारों का डाटा संरक्षित करने वाली रामसर साइट में समान पक्षी विहार भी शामिल हो गया है. तीन वर्ष पहले तक इस पक्षी विहार में 6 से 8 हजार विदेशी पक्षी आते थे. सर्दी के दिनों में ये पक्षी लगभग 40 से 60 दिन पक्षी विहार में डेरा जमाते थे, लेकिन पक्षी विहार के आसपास कोलाहल शुरू हुआ, पक्षियों का शिकार बढ़ गया और झील में पानी कम होने लगा तो ये विदेशी सैलानी रूठने लगे. पिछले वर्ष यहां पक्षियों की संख्या घटकर ढाई से तीन हजार रह गई है. ये इस पक्षी विहार के अस्तित्व के लिए चिंता का विषय है.

विदेशी पक्षियों का हुआ मोहभंग
पक्षी विहार 291 हेक्टेयर भूमि पर फल हुआ है. इसमें से करीब 50 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर बड़ी झील विकसित की गई है जहां दर्जनों वेटलैंड पक्षियों को डेरा जमाने के लिए आकर्षित करते हैं, लेकिन पानी के अभाव में झील सूख रही है और देशी, विदेशी पक्षियों का यहां से मोहभंग हो रहा है.

बंबा से पहुंचाया जा सकता है पानी
पक्षी विहार में पानी की व्यवस्था करने के लिए कोई बड़ी जद्दोजहद स्थानीय प्रशासन को नहीं करनी है. पक्षी विहार के नजदीक से समान माइनर निकलता है. इस माइनर से एक खारजा बनाया गया है. जहां से होकर पानी झील में जा सकता है. इस खारजा की खुदाई और सफाई ठीक से हो और माइनर से खारजा बंबा में पानी छोड़ा जाए तो रामसर साइट में शामिल इस झील और पक्षी विहार को विकसित किया जा सकता है. बर्ड सेंचुरी से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए झील को विकसित करना पड़ेगा.

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