नई दिल्ली. देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. इससे पार पाने के लिए सरकारें काम कर रही हैं. देश में बेरोजगार युवाओं की आबादी भी ज्यादा है. उनकी आबादी के सामने रोजगाार के जो अवसर हैं, वो बेहद ही कम हैं. ऐसे में इस बात की जरूरत है कि युवाओं को रोजगार के लिए प्रोत्साहन दिया जाए. इसी को काम बिहार की एनडीए की सरकार कर रही है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने रोजगार के प्रोत्साहन के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. ताकि बेरोजगार युवा आत्मनिर्भर बन सके और आगे चलकर अपना कॅरियर बना सके.
सरकार प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री व्यवसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण योजना जैसी स्की लाई है.
प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण योजना
साल 2015-16 में शुरू हुई. इस योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की फ्री तैयारी के लिए राज्य के 36 जिलों में कुल 38 प्राक् परीक्षा केन्द्र संचालित हैं. वर्तमान में कुल 4,500 से अधिक छात्र-छात्राएं यहां पढ़ रहे हैं. किताबों को खरीदने के लिए एकमुश्त 3 हजार रुपए की मदद दी जा रही है.
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कौशल विकास योजना
वर्ष 2017-18 में शुरू हुई इस योजना के तहत बेरोजगारी दूर करने और जीवन स्तर सुधारने के लिए विभिन्न ट्रेडों में कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना
वर्ष 2018-19 से शुरु हुई इस योजना के अंतर्गत यूपीएससी, बीपीएससी एवं अन्य सरकारी प्रतियोगिता परीक्षाओं की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को 30 हजार से 1 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. अब तक लगभग 8,226 अभ्यर्थी फायदा पा चुके हैं.
मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना
वर्ष 2020 में शुरू हुई इस योजना के तहत स्वरोजगार के लिये युवाओं को 10 लाख रुपए की सहायता दी गई. जिसमें 5 लाख रुपए अनुदान और 5 लाख ब्याज मुक्त लोन अब तक अति पिछड़ा वर्ग के 10 हजार 183 एवं पिछड़ा वर्ग के 5103 युवा फायदा पा चुके हैं.
मुख्यमंत्री व्यवसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण योजना
वर्ष 2021-22 में शुरु हुई इस योजना के तहत प्रबंधन, विधि आदि व्यवसायिक पाठ्यक्रमों और उच्च शैक्षणिक व रोजगारपरक पदों के लिए निःशुल्क मार्गदर्शन एवं तैयारी, एकमुश्त 3 हजार की प्रोत्साहन राशि दी गई. अब तक 5200 से अधिक छात्र-छात्राएं इसका फायदा उठा चुकी हैं.
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