नई दिल्ली. भारत में प्रोड्यूस होने वाली सी-फूड की डिमांड विदेशों में ज्यादा है. खासकर अमेरिका और चीन जैसे देश भारत में प्रोड्यूस होने वाले झींगा के दीवाने हैं. लाखों मीट्रिक टन झींगा हर साल इन देशों में यहां निर्यात किया जाता है. जबकि भारत के सी-फूड के दीवाने अन्य देश भी हैं लेकिन इन दोनों के नाम सबसे आगे है. एक्सपर्ट के मुताबिक महत्वपूर्ण निर्यात बाजारों में तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत का सी-फूड निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान परिमाण के आधार पर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.
आंकड़ों पर गौर किया जाए तो भारत ने 2023-24 के दौरान 60.523 हजार करोड़ रुपये मूल्य का 17.82 लाख मीट्रिक टन सी-फूड निर्यात किया गया. जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. वहीं रिकॉर्ड तोड़ इस रिजल्ट की क्वांटिटी और मूल्य के हिसाब से फ्रोजन झींगा प्रमुख निर्यात वस्तु बनी रही है.
अब तक सबसे ज्यादा हुआ एक्सपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रोड्यूस होने वाले सी-फूड के प्रमुख आयातक अमेरिका और चीन जैसे देश हैं. चीन से भारत के रिश्तों में भले ही तनातनी नजर आती हो लेकिन चीन सी-फूड को खूब इंपोर्ट करता है. आंकड़ों की बात करें तो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, मात्रा के हिसाब से निर्यात में 2.67 प्रतिशत का सुधार हुआ है. वर्ष 2022-23 में भारत ने 64 हजार करोड़ रुपये के 17.35 लाख मीट्रिक टन सी-फूड निर्यात किए गए हैं. समुद्री प्रोडक्ट एक्सपोर्ट विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) के अध्यक्ष डीवी स्वामी आईएएस ने कहा कि भारत ने अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन जैसे अपने प्रमुख निर्यात बाजारों में कई चुनौतियों के बावजूद 17.82 लाख मीट्रिक टन सी-फूड का निर्यात करके मात्रा के मामले में अब तक का सबसे उच्च निर्यात दर्ज किया है.
किस देश की है कितनी हिस्सेदारी
वहीं फ्रोजन झींगा ने 40 हजार करोड़ रुपये की इनकम हासिल की है. इस तरह फ्रोजन झींगा ने सी-फूड निर्यात में शीर्ष वस्तु के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है. जिसकी मात्रा में 40.19 प्रतिशत और कुल डॉलर आय में 66.12 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है. इस अवधि के दौरान झींगा निर्यात में मात्रा के लिहाज से 0.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वर्ष 2023-24 के दौरान फ्रोजन झींगे का निर्यात 7.16 लाख मीट्रिक टन आंका गया था. सबसे बड़े बाजार, अमेरिका ने 3 लाख मीट्रिक टन फ्रोजन झींगे का आयात किया है. इसके बाद चीन का नंबर आता है. चीन ने भारत से (1.48 लाख मीट्रिक टन), यूरोपीय संघ (90 हजार मीट्रिक टन), दक्षिण पूर्व एशिया (52 हजार मीट्रिक टन), जापान (36 हजार मीट्रिक टन) मध्य पूर्व ने (29 हजार मीट्रिक टन) सी-फूड इंपोर्ट किया है.
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