नई दिल्ली. सेक्सड सार्टेड सीमन की मदद से पशुपालक भाई 90 फीसदी केस में पशु से बछिया हासिल कर सकते हैं. यानि इस प्रोसेस से गाभिन होने वाले वाली गाय-भैंस जब बच्चा पैदा करती है तो उसमें 90 परसेंट केस में बछिया ही पैदा होती है. इसलिए इससे पशुपालकों को ज्यादा फायदा मिलता है. क्योंकि बछिया आगे चलकर दूध का उत्पादन करेगी और इससे पशुपालकों के डेयरी फार्म का काम में और ज्यादा मुनाफा बढ़ जाएगा. इसलिए इस तकनीक को आम पशुपालकों के लिए सस्ता बनाने का काम किया गया है.
अब पशुपालकों को इसके लिए ज्यादा जेब ढीली नहीं करनी होगी. बस 250 रुपए में ही सीमन पशुपालकों को मिल जाएगा और इससे गाभिन होने वाले पशु बछियों को जन्म देंगे. यानि ये कहा जा सकता है कि अब बछिया को खरीदने के लिए पशुपालक भाइयों को सिर्फ और सिर्फ 250 रुपए ही खर्च करने होंगे. वहीं गुजरात की बनास डेयरी में सेक्सड सीमन को अलग करने वाली मशीन का उद्घाटन किया गया है.
गुजारत के सीएम ने किया उद्घाटन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बनास डेयरी के डामा सीमेन प्रोडक्श सेंटर दीसा में एनडीडीबी द्वारा विकसित स्वदेशी सेक्सड वीर्य छांटने की मशीन, GAUSort का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष शंकर चौधरी, एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश सी शाह, और बानास डेयरी के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी की प्रतिष्ठित उपस्थिति रही. सीएम भूपेंद्र पटेल कहा कि एनडीडीबी के इस इनोवेशन से आम पशुपालकों को बहुत फायदा होने वाला है. इससे पशुपालकों को बछिया पैदा कराने में आसानी होगी. इससे उनकी इनकम बढ़ेगी.
पीएम ने तकनीक राष्ट्र को किया था समर्पित
गौरतलब है कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर 2024 में इस अत्याधुनिक तकनीक को राष्ट्र को समर्पित किया था. एनडीडीबी और इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज द्वारा विकसित, यह नवाचार भारत के आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
एनडीडीबी ने तकनीक को किया सस्ता
गौरतलब है कि 85-90 फीसदी मादा बछड़ों के जन्म की क्षमता के साथ, GAUSort दूध उत्पादन में वृद्धि और किसानों की आय में सुधार में योगदान देगा. जिसका सीधा सा मतलब है कि इसका फायदा किसानों को मिलेगा. इसके अलावा, छांटे गए सीमन की खुराक की लागत को 800 से घटाकर 250 रुपए कर दी गई है. इसी फैसले के साथ एनडीडीबी ने इस तकनीक को अधिक सस्ती और सुलभ बना दिया है. ताकि देश भर में अधिक संख्या में किसानों को फायदा पहुंचाया जा सके.
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